भारत का पहला SHAPE 2025 सम्मेलन: अस्पताल नियोजन में एक क्रांतिकारी पहल

नई दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल (AHRR) ने 26–27 जुलाई 2025 को देश का पहला सशस्त्र बल राष्ट्रीय सम्मेलन – SHAPE 2025 (Sustainable Hospital Architecture, Planning, Infrastructure, and Equipment) आयोजित किया। इस सम्मेलन में सशस्त्र बलों, नागरिक क्षेत्रों और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया और भारत में सतत, सुदृढ़ तथा रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य अवसंरचना के भविष्य पर विचार-विमर्श किया।

पृष्ठभूमि
AHRR के हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा आयोजित SHAPE 2025 सम्मेलन अस्पताल नियोजन के क्षेत्र में एक अग्रणी पहल है, जो भारत के विकसित भारत@2047 लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दो दिवसीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन DGAFMS सर्जन वाइस एडमिरल आर्ति सरीन और एम्स निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ किया। सम्मेलन में 275 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें डॉक्टर, नर्स, प्रशासक, अभियंता और वास्तुकार शामिल थे। इन सभी ने भारत की स्वास्थ्य अवसंरचना के लिए एक नई दृष्टि के निर्माण में योगदान दिया।

महत्त्व
यह सम्मेलन ऐसे समय पर आयोजित हुआ जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्षों की ओर अग्रसर है। सतत स्वास्थ्य अवसंरचना केवल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय तैयारियों, रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य समानता को बढ़ाने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। चर्चा में इस बात पर जोर दिया गया कि अस्पतालों को अब केवल इलाज केंद्र नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें जलवायु-संवेदनशील और जन-केंद्रित परिसरों के रूप में विकसित होना चाहिए।

उद्देश्य
SHAPE 2025 का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक ब्लूप्रिंट आधारित अस्पताल नियोजन से आगे बढ़कर ऐसे मॉडल विकसित करना था जो पर्यावरण-संवेदनशील और तकनीकी रूप से उन्नत हों। सम्मेलन का उद्देश्य एक समग्र सिद्धांत तैयार करना भी था जो अस्पतालों की डिज़ाइन और प्रबंधन प्रक्रिया में सततता, लचीलापन और रोगी-सुविधा को प्राथमिकता दे।

मुख्य विशेषताएं

  • हरित तकनीकों का समावेश: सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और शून्य-उत्सर्जन अवसंरचना जैसी टिकाऊ तकनीकों को अपनाना।

  • आपदा-प्रतिरोधी संरचना पर ध्यान: संकट की स्थिति में भी स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु आपदा-रोधी वास्तुकला का विकास।

  • GRIHA रेटिंग और CFEES प्रमाणन: पर्यावरण-अनुकूल निर्माण के लिए मान्यता प्राप्त रेटिंग और प्रमाणपत्र प्राप्त करने की दिशा में कार्य।

  • रोगी-हितैषी डिज़ाइन: एर्गोनोमिक रूप से डिज़ाइन की गई और रोगमुक्ति को बढ़ावा देने वाली जगहों को अपनाना, जिससे उपचार की प्रक्रिया में तेजी आए।

  • समन्वित सहभागिता: सशस्त्र बलों, नागरिक निकायों और निजी क्षेत्र के हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना ताकि एक एकीकृत और भविष्यगामी स्वास्थ्य देखभाल दृष्टि विकसित की जा सके।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

SEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…

13 hours ago

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारत को अपना पहला वन विश्वविद्यालय मिलेगा

भारत अपनी पहली ‘वन विश्वविद्यालय (Forest University)’ की स्थापना की तैयारी कर रहा है, जो…

13 hours ago

झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 जीती

झारखंड ने 2025–26 सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) जीतकर इतिहास रच दिया। ईशान…

14 hours ago

संसद ने शांति बिल पास किया, AERB को वैधानिक दर्जा मिला

संसद ने सतत उपयोग एवं उन्नयन द्वारा भारत के परिवर्तन हेतु परमाणु ऊर्जा (SHANTI) विधेयक,…

15 hours ago

दक्षिण अफ्रीका से कैपुचिन बंदरों का बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में आयात

बेंगलुरु के पास स्थित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) ने संरक्षण-उन्मुख चिड़ियाघर प्रबंधन को…

16 hours ago

ओडिशा बनेगा एआई हब, 19-20 दिसंबर को क्षेत्रीय एआई इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस

ओडिशा सरकार 19–20 दिसंबर को रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगी। यह आयोजन शासन…

16 hours ago