भारत की रक्षा निर्यात में अद्वितीय वृद्धि देखी गई है, जो पिछले दशक में केवल 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर अब रिकॉर्ड 21,000 करोड़ रुपये तक पहुँच गई है। 29 दिसंबर 2024 को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महू छावनी में स्थित आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) के दौरे पर यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा कि 2029 तक रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
यह उपलब्धि भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति को दर्शाती है, जो स्वदेशी निर्माण और तकनीकी प्रगति से प्रेरित है। सिंह ने युद्ध के बदलते स्वरूप को देखते हुए अग्रणी तकनीकों के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)-आधारित युद्ध, साइबर हमले और अंतरिक्ष युद्ध जैसी असामान्य युद्ध विधियों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया।
मुख्य उपलब्धियाँ और भविष्य के लक्ष्य
- रक्षा निर्यात मील का पत्थर: रक्षा निर्यात 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 वर्षों में 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
- 2029 के लिए लक्ष्य: सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाना है, जो भारत की वैश्विक रक्षा बाजार में बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
युद्ध के बदलते स्वरूप
- असामान्य विधियाँ: सिंह ने सूचना युद्ध, AI, प्रॉक्सी युद्ध, और साइबर हमलों से उत्पन्न खतरे को बढ़ते हुए बताया।
- तकनीकी कौशल: उन्होंने नवीनतम तकनीकों जैसे AI, विद्युतचुम्बकीय युद्ध, और अंतरिक्ष क्षमताओं को सैन्य प्रशिक्षण और रक्षा रणनीतियों में एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
सैन्य प्रशिक्षण और एकीकरण को सुदृढ़ करना
- सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों की भूमिका: सिंह ने आर्मी वॉर कॉलेज और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के अनुकूलनशील पाठ्यक्रमों की सराहना की, जो सैनिकों को आधुनिक युद्ध के चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं।
- एकीकरण पर ध्यान: उन्होंने तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।
आत्मनिर्भर भारत का राष्ट्रीय दृष्टिकोण
- आत्मनिर्भरता: रक्षा मंत्री ने सरकार के आत्मनिर्भर भारत (स्वदेशी भारत) दृष्टिकोण को दोहराया, यह कहते हुए कि केवल आत्मनिर्भरता से ही भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को वैश्विक मंच पर बढ़ा सकता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना: सिंह ने यह भी बताया कि एक मजबूत अर्थव्यवस्था और सुरक्षित सीमा भारत के वैश्विक शक्ति बनने के लिए आवश्यक हैं।
रक्षा कूटनीति और वैश्विक पदचिह्न
- मित्र देशों को प्रशिक्षण: सिंह ने आर्मी वॉर कॉलेज की रक्षा कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया, जहां मित्र देशों के अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और भारत की वैश्विक सैन्य स्थिति में योगदान दे रहे हैं।
- भविष्य के रक्षा अटैचियों का मार्गदर्शन: सिंह ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे भारत के रक्षा हितों का वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व करें, जो देश के आर्थिक और सैन्य विकास के रणनीतिक लक्ष्यों के अनुरूप हो।
Why in News | Key Points |
रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ से ₹2,000 करोड़ तक पहुंचा; 2029 तक ₹50,000 करोड़ का लक्ष्य तय | – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ पहुंचने की घोषणा की। – 2029 तक ₹50,000 करोड़ के रक्षा निर्यात का लक्ष्य तय किया गया। – रक्षा निर्यात पिछले एक दशक में ₹2,000 करोड़ से बढ़कर ₹21,000 करोड़ हुआ। – अग्रणी तकनीकों पर ध्यान: एआई, अंतरिक्ष युद्ध, साइबर हमले। – आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत की स्वदेशी पहल। |
रक्षा मंत्री: राजनाथ सिंह | – राजनाथ सिंह भारत के रक्षा मंत्री हैं। |
आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) | – यह कॉलेज महू छावनी, मध्य प्रदेश में स्थित है। |
युद्ध विधियों का विकास | – एआई, साइबर युद्ध, प्रॉक्सी युद्ध और अंतरिक्ष युद्ध में दक्षता पर जोर। – सैन्य को आधुनिक तकनीकी चुनौतियों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता। |
सरकार का दृष्टिकोण | – आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के तहत रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करना। |
सैन्य एकीकरण | – तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच बेहतर एकीकरण का लक्ष्य। |