कैंसर के उपचार में भारत की सफलता: वैज्ञानिकों ने विकसित की ‘नैनो-कप’ संरचना वाली थैरेपी तकनीक

भारत में कैंसर उपचार अनुसंधान को एक नई दिशा देते हुए, भारतीय वैज्ञानिकों ने गोल्ड नैनो-कप्स के संश्लेषण (synthesis) की एक सरल और नवीन तकनीक विकसित की है, जो फोटोथर्मल थेरेपी (PTT) में अत्यधिक प्रभावशाली साबित हो सकती है। ये विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए PEGylated सेमी-शेल्स गर्मी के माध्यम से कैंसर ट्यूमर को लक्षित कर नष्ट करने में सक्षम हैं, जिससे यह पारंपरिक उपचारों की तुलना में कम दर्दनाक और अधिक प्रभावी विकल्प बनता है। यह नवाचार INST मोहाली, IIT बॉम्बे और ACTREC – टाटा मेमोरियल सेंटर के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है और इसका मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में सर्वाइवल रेट बढ़ाने की दिशा में बड़ा योगदान हो सकता है।

क्यों चर्चा में है?

17 जून 2025 को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने यह रिपोर्ट दी कि भारतीय वैज्ञानिकों के इस शोध को प्रतिष्ठित नेचर समूह की पत्रिका “Communications Chemistry” में प्रकाशित किया गया है। इसमें गोल्ड सेमी-शेल्स के नैनो-कप आकार के लिए एक-चरणीय कोलॉइडल संश्लेषण विधि का विवरण दिया गया है।

खोज के बारे में

  • विकासकर्ता संस्थान:

    • INST मोहाली (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग – DST)

    • IIT बॉम्बे

    • ACTREC, टाटा मेमोरियल सेंटर

  • प्रकाशन में:

    • Communications Chemistry (Nature समूह की सह-समीक्षित पत्रिका)

  • मुख्य नवाचार:

    • ZIF-8 नामक बायोकम्पैटिबल मेटल-ऑर्गैनिक फ्रेमवर्क (MOF) का उपयोग कर

    • PEGylated सेमी-शेल्स का एक-चरणीय संश्लेषण

तकनीकी प्रक्रिया

  1. ZIF-8 क्रिस्टल को एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन C) द्वारा धीरे-धीरे etch किया जाता है।

  2. इसी दौरान, गोल्ड नैनो-पार्टिकल्स सतह पर उगते हैं और नैनो-कप संरचना बनाते हैं।

  3. ये सेमी-शेल्स नियर-इन्फ्रारेड (NIR) लाइट को सोखते हैं और उसे स्थानीय गर्मी में बदलते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

उद्देश्य और लाभ

  • उद्देश्य:

    • गर्मी आधारित, न्यूनतम आक्रामकता वाली कैंसर थेरेपी प्रदान करना।

  • बायोकम्पैटिबिलिटी:

    • गैर-विषैले एजेंट इस्तेमाल किए गए हैं, जिससे यह उपचार सुरक्षित बनता है।

  • उपचार प्रभावशीलता:

    • पशु मॉडल में मेटास्टैटिक ब्रेस्ट ट्यूमर को उच्च सटीकता से नष्ट करने में सफल, साथ ही कम रिलेप्स दर

खोज का महत्व

  • जटिल, विषैले और उच्च तापमान वाली पारंपरिक संश्लेषण तकनीकों की जगह लेता है

  • भारत में उन्नत कैंसर उपचार के लिए नई संभावनाएं खोलता है

  • भविष्य में कीमो-फोटोथर्मल संयोजन थेरेपी को दिशा देने की क्षमता रखता है।

निष्कर्ष:

यह खोज भारत की वैज्ञानिक शोध क्षमता को दर्शाती है और कम लागत, अधिक प्रभावशीलता तथा सुरक्षा जैसे गुणों के कारण यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

4 hours ago

S-500 मिसाइल सिस्टम: फीचर्स, रेंज, स्पीड, तुलना और भारत की दिलचस्पी

रूस की S-500 मिसाइल प्रणाली, जिसे आधिकारिक रूप से 55R6M “ट्रायंफेटर-M” या प्रोमेतेय कहा जाता…

5 hours ago

RBI मौद्रिक नीति दिसंबर 2025: दरों में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…

6 hours ago

Pakistan में आसिम मुनीर बने पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस

पाकिस्तान की सैन्य कमान में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को…

6 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

6 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

7 hours ago