वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल से नवंबर के बीच में भारत का राजकोषीय घाटा 9.78 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो कि चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट के 16.61 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 58.9 प्रतिशत है। सरकारी आंकड़ों से ये जानकारी आई है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के 9.91 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का राजस्व घाटा 5.73 लाख करोड़ रुपये या 57.8 प्रतिशत रहा।
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आंकड़ों के मुताबिक, सरकार का कुल खर्च बजट के 39.45 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 24.43 लाख करोड़ रुपये या 61.9 प्रतिशत था। राजकोषीय घाटा राज्य के राजस्व और व्यय के बीच का अंतर है। यह राजस्व में कमी को दिखाता है। वित्त वर्ष 23 के अप्रैल-नवंबर के दौरान शुद्ध कर राजस्व 12.25 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 63.3 प्रतिशत रहा है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह लक्ष्य का 73.5 प्रतिशत था। गैर कर राजस्व 73.5 प्रतिशत आया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 91.8 प्रतिशत आया था।