इसरो को अपने सौर मिशन में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। आदित्य-एल1 मिशन के पेलोड HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स (सौर ज्वालाओं) की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे झलक कैद की है। आदित्य-एल1 बोर्ड पर हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एचईएल1ओएस) ने सौर ज्वालाओं के आवेगी चरण को रिकॉर्ड किया है। रिकॉर्ड किया गया डेटा NOAA के GOES द्वारा प्रदान किए गए एक्स-रे प्रकाश वक्रों के अनुरूप है।
HEL1OS डेटा शोधकर्ताओं को सौर ज्वालाओं के आवेगपूर्ण चरणों के दौरान विस्फोटक ऊर्जा रिलीज और इलेक्ट्रॉन त्वरण का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है। HEL1OS को यू. आर. राव सैटेलाइट सेंटर बेंगलुरु के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप द्वारा विकसित किया गया था।
एल1 तक 1.5 मिलियन किमी की दूरी तय करने के लिए आदित्य-एल1 लगभग 125 दिनों की यात्रा करेगा। चंद्रयान-3 की तरह ये भी कई बार ऑर्बिट बदलने की प्रक्रिया से गुजरेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि लॉन्च के पांचवें दिन आदित्य एल1 पृथ्वी की कक्षा से निकल जाएगा और फिर एक हेलियोसेंट्रिक रास्ते पर आगे बढ़ेगा। आदित्य एल1 सूर्य के करीब नहीं जाएगा और न ही सूर्य पर उतरेगा। यह एल1 बिंदु पर पहुंचेगा जो अंतरिक्ष में एक लोकेशन है और पृथ्वी के साथ ही सूर्य के चक्कर लगाता रहता है।
आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है।
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