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वाणिज्य भवन सम्मेलन में भारतीय चाय उद्योग ने विकास की नई राह पकड़ी

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 21 मई, 2025 को भारतीय चाय उद्योग के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आकर्षक पैनल चर्चाएँ, एक भारतीय चाय प्रशंसा क्षेत्र और एक पेशेवर चाय चखने का सत्र शामिल था। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने सभा को संबोधित किया और उद्योग से नवाचार, ब्रांडिंग और वैश्विक विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, ताकि एक अग्रणी चाय निर्यातक के रूप में भारत की पहचान को मजबूत किया जा सके।

यह समाचार में क्यों है?

21 मई 2025 को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में भारतीय चाय उद्योग के भविष्य पर केंद्रित एक उच्चस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने चाय की विविधता, सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक संभावनाओं को उजागर किया। भारत के वैश्विक चाय व्यापार में योगदान और सतत विकास, गुणवत्ता एवं युवा भागीदारी को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

उद्देश्य एवं मुख्य बिंदु

  • ब्रांडिंग और नवाचार के माध्यम से भारतीय चाय को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना।

  • आपूर्ति श्रृंखला के सभी स्तरों पर हितधारकों की सुविधा में सुधार।

  • आम जनता में चाय साक्षरता (Tea Literacy) बढ़ाना।

  • सतत कृषि पद्धतियों और नए बाजारों की खोज।

मुख्य कार्यक्रम और विशेषताएँ

मुख्य संबोधन – श्री जितिन प्रसाद (राज्य मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग)

  • चाय की सामाजिक-आर्थिक महत्ता पर बल।

  • युवाओं और विशेष बाज़ारों को लक्ष्य कर नवाचारपूर्ण किस्मों के विकास की अपील।

  • उत्पादक से उपभोक्ता तक की आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त करने का आह्वान।

विशेष संबोधन – वाणिज्य सचिव श्री सुनील बार्थवाल

  • दार्जिलिंग, असम, कांगड़ा और उत्तराखंड जैसे चाय उत्पादक क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।

  • भारतीय चाय की विविधता के लिए प्रचार और जन-जागरूकता की आवश्यकता बताई।

टी टेस्टर के साथ विशेष चाय चखना सत्र

  • प्रसिद्ध प्रोफेशनल टी टेस्टर द्वारा संचालित सत्र।

  • मंत्री और सचिव ने स्वयं भाग लिया और हाथों से चाय का स्वाद परीक्षण किया।

पैनल चर्चा – प्रमुख विषय

  • जैविक चाय और सततता

  • युवा केंद्रित चाय मिश्रण और वैश्विक रुझान

  • भारतीय चाय का भविष्य रोडमैप

इंडिया टी एप्रिसिएशन ज़ोन 

  • भागीदारी: उत्पादक, निर्यातक, STGs (Small Tea Growers), FPOs (Farmer Producer Organisations) और स्टार्टअप्स।

  • प्रदर्शन: दार्जिलिंग, असम, नीलगिरी, सिक्किम, कांगड़ा की चाय किस्में।

  • विशेष आकर्षण: फ्लेवर्ड, ऑर्गेनिक और मसाला चाय ब्लेंड्स

  • आयोजन को भारी भीड़ और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

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