केंद्रीय रेल मंत्रालय अपनी स्वदेशी टक्कर रोधी प्रणाली कवच 4.0 के नवीनतम संस्करण की तैनाती को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, जिसके तहत इस साल 20,000 इंजनों में इसे लगाने के लिए निविदाएं जारी करने की योजना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कवच सिस्टम को लेकर कहा कि देश में एक सिस्टमैटिक तरीके से कवच सिस्टम का विकास चल रहा है। हर भौगोलिक स्थिति में कवच 4.0 के काम करने के लिए 17 जुलाई को काम पूरा किया गया है।
रेलवे ने वर्तमान में 10,000 लोकोमोटिव में इसे लगाने का ऑर्डर दिया है। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे बड़े स्तर पर कवच सिस्टम को लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही जिन रूट्स पर कवच को पहले से इन्स्टॉल किया जा चुका है, उन्हें कवच 4.0 से अपग्रेड किया जा रहा है। रेल मंत्री ने बताया कि कवच 4.0 हर भौगोलित स्थिति पर काम करने के लिए तैयार है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे ने स्वदेशी तकनीक एवं संसाधनों से कवच का विकास किया है। इसके 4.0 वर्जन को इसी साल 17 जुलाई को पूरा किया गया है। यह जंगल, पहाड़ और पानी सभी तरह की भौगोलिक स्थितियों में प्रभावी तरीके से काम करने में सक्षम है।
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन हादसों के तीन बड़े कारण होते हैं। ट्रैक की खराबी, ड्राइवर की गलती एवं कभी-कभी ट्रैक पर कुछ आ जाने पर एक्सीडेंट का खतरा रहता है। कवच प्रणाली से ड्राइवर की गलतियों से होने वाले हादसों का खतरा पूरी तरह टल जाएगा। रेल मंत्री के अनुसार, देश में अभी लगभग 20 हजार रेल इंजन हैं। प्रत्येक वर्ष करीब पांच हजार इंजनों पर कवच लगाया जाएगा। इस तरह चार वर्ष में ही सभी लोकोमोटिव में कवच प्रणाली लगा दी जाएगी।
दिल्ली-मुंबई एवं दिल्ली-हावड़ा रूट पर लगभग तीन हजार किमी में कवच लगाने का काम जारी है, जिसे इसी वित्तीय वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली से चेन्नई और मुंबई से चेन्नई के लगभग 3,300 किमी रूट समेत सभी स्वचालित सिग्नलों के लिए भी निविदाएं निकाली गई हैं। इसमें भी अक्टूबर से लगना शुरू हो जाएगा। दो सालों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके तुरंत बाद अन्य रूटों पर भी काम शुरू होगा। अगले कुछ वर्षों में ही पूरे रेल नेटवर्क पर कवच प्रणाली को तेजी से स्थापित करने में मदद मिलेगी।
कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन ) सिस्टम है। इसे रिसर्च डिजाइन एवं स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन ने भारतीय उद्योग के सहयोग से विकसित किया गया है। कवच एक सुरक्षा स्तर-4 मानक की एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है। कवच का उद्देश्य खतरे (लाल) पर सिग्नल पार करने वाली ट्रेनों को सुरक्षा प्रदान करना और टकराव से बचना है। अगर ट्रेन रका चालक ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ऑटोमैटिक रूप से ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को ऑन करता है। कवच प्रणाली दो लोकोमोटिव के बीच टकराव को रोकता है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]उष्णकटिबंधीय तूफान सारा ने गुरुवार देर रात उत्तरी होंडुरास में दस्तक दी, जिससे मध्य अमेरिका…
चीन की शिपिंग कंपनी कॉस्को द्वारा पेरू के चांकाय में विकसित किया जा रहा यह…
1 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े में जमा वृद्धि (11.83%) और ऋण वृद्धि (11.9%) लगभग…
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने खेलों में डोपिंग के खिलाफ…
बिरसा मुंडा जयंती, जिसे जनजातीय गौरव दिवस के नाम से भी जाना जाता है, हर…
अक्टूबर 2024 में भारत के माल निर्यात ने 17.3% की वृद्धि के साथ $39.2 बिलियन…