भारतीय सेना पहली बार टैक्टिकल ऑपरेशंस के लिए प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती करने की तैयारी में है। यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर इस मिसाइल की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगले हफ्ते एक हाई लेवल मीटिंग में इसे मंजूरी मिल सकती है।
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भारत की तीनों सेनाएं इस समय रॉकेट फोर्स बनाने के प्रयास में है। दिसंबर 2021 में लगातार दो दिन में दो बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। तब से भारतीय सेना में इसे शामिल करने की कवायद जारी है। प्रलय चीन की डोंगफेंग मिसाइल का मुकाबला करेगी। खास बात यह है कि इससे रात को भी हमला किया जा सकता है।
प्रलय जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्वासी मिसाइल है। प्रलय मिसाइल में सॉलिड प्रोपेलेंट वाला रॉकेट मोटर लगा है। इसमें नई टेक्नोलॉजी के गाइडेंस सिस्टम में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन एंड इंटिग्रेटेड एवियोनिक्स भी लगाया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो प्रलय के निर्माण की बात 2015 से ही चल रही थी। DRDO ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में इस मिसाइल का जिक्र किया था। हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत रॉकेट फोर्स बनाने पर काम कर रहे थे। ताकि सीमा पर दुश्मन को काउंटर किया जा सके। प्रलय मिसाइल की तैनाती इसी मिशन का हिस्सा है।
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