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भारतीय सेना ने गोवा शिपयार्ड के साथ 12 फास्ट गश्ती नौकाओं के लिए किया समझौता

 

भारतीय सेना ने विशाल जल क्षेत्रों की निगरानी और गश्त के लिए 12 फास्ट पैट्रोल नावों की खरीद के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) के साथ एक अनुबंध किया है, जिसमें लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र शामिल हैं। पेंगोंग झील या पेंगोंग त्सो लद्दाख में भारत-चीन सीमा क्षेत्र में स्थित है। यह 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 134 किलोमीटर लंबी है और लद्दाख से तिब्बत तक फैली हुई है। इस झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत में स्थित है जबकि 90 किलोमीटर क्षेत्र चीन में पड़ता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा इस झील के मध्य से गुजरती है। इस वक्त कड़ाके की सर्दियों की वजह से पैंगोंग झील अभी जमी हुई है और यहां पर 3-4 महीने ऐसी ही स्थिति रहेगी, सेना ने योजना तैयार कि है गर्मियों में जब झील पिघलेगी तो यहां लगभग दो दर्जन ऐसी नौकाओं को गश्ती के लिए तैनात कर दिया जाएगा. 

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सौदे के बारे में:

  • रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम (पीएसयू), GSL द्वारा मई 2021 तक स्वदेश निर्मित नौकाओं को सेना को सौंप दिया जाएगा।
  • GSL चार साल तक इन नावों का रखरखाव भी करेगा।
  • पैंगोंग त्सो झील की गश्त करने के लिए इन नई उच्च गति वाली नावों की आवश्यकता हाल ही में हुए भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सैन्य झगड़े के मद्देनजर महसूस किया गया, जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • थल सेनाध्यक्ष: जनरल मनोज मुकुंद नरवाने.

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