रणनीतिक फोकस और प्रशिक्षण मॉड्यूल
दो सप्ताह तक चलने वाले इस सैन्य अभ्यास में विस्तृत सामरिक और परिचालन अभ्यास शामिल हैं। प्रमुख फोकस क्षेत्रों में निम्नलिखित हैं –
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हेलिबोर्न ऑपरेशन और सामरिक हवाई तैनाती
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निगरानी संसाधनों और मानव रहित हवाई प्रणालियों (UAS) का उपयोग
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रॉक क्राफ्ट और पर्वतीय युद्ध तकनीकें
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घायलों की निकासी और युद्धक्षेत्र में चिकित्सकीय सहायता
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तोपखाने, वायुसेना और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों का समन्वित उपयोग
इसके अतिरिक्त, अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं के विषय विशेषज्ञों द्वारा संचालित कार्य समूह भी शामिल हैं, जो निम्न क्षेत्रों पर केंद्रित हैं –
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UAS और काउंटर-UAS ऑपरेशन
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सूचना युद्ध और रणनीतिक संचार
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लॉजिस्टिक्स समन्वय और संसाधन प्रबंधन
रणनीतिक और कूटनीतिक महत्व
2004 में शुरू हुआ युद्ध अभ्यास श्रृंखला अब भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुकी है। बढ़ती वैश्विक अस्थिरता और आधुनिक युद्ध की जटिलता को देखते हुए, इस प्रकार के संयुक्त अभ्यास आवश्यक हैं ताकि –
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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में परस्पर कार्य-क्षमता (interoperability) बढ़ाई जा सके।
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बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता को मजबूत किया जा सके।
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आपसी विश्वास और रणनीतिक सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
लाइव-फायर और ऊँचाई वाले युद्ध परिदृश्यों में प्रशिक्षण दोनों सेनाओं को उन वास्तविक चुनौतियों के लिए तैयार करेगा, जो भविष्य में संयुक्त अभियानों या मानवीय मिशनों के दौरान उत्पन्न हो सकती हैं।