भारत 8 अक्टूबर 2024 को 92वें भारतीय वायु सेना दिवस का आयोजन कर रहा है, जो हमारे वायु योद्धाओं की समर्पण और बलिदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन भारतीय वायु सेना (IAF) के अद्वितीय सफर की याद दिलाता है, जिसने साधारण शुरुआत से लेकर विश्व की एक शक्तिशाली वायु सेना बनने तक का सफर तय किया है।
इस वर्ष का आयोजन चेन्नई के सुंदर मरीन बीच पर होगा, जिसमें एक भव्य एयर शो का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम रविवार को सुबह 11 बजे से 1 बजे तक होगा और भारत की हवाई शक्ति और उन्नत तकनीक का शानदार प्रदर्शन करेगा।
इस समारोह में कई उच्च स्तरीय अधिकारी शामिल होंगे, जैसे:
इस वर्ष का विषय “भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर” है। यह IAF के भविष्य के प्रति दृष्टिकोण को दर्शाता है और भारत के रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण है।
6 अक्टूबर को IAF चेन्नई एयर शो ने एक अद्भुत हवाई प्रदर्शन प्रस्तुत किया, जिसमें 1 मिलियन से अधिक दर्शकों ने भाग लिया। लोग सुबह 7 बजे से ही अच्छे देखने के स्थान के लिए पहुँचने लगे।
यह विषय IAF की निम्नलिखित प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है:
भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी, जो शुरू में ब्रिटिश प्रशासन के तहत एक सहायक वायु सेना के रूप में कार्यरत थी। IAF ने 1 अप्रैल 1933 को अपने पहले आधिकारिक उड़ान के साथ संचालन शुरू किया।
IAF ने अपनी साधारण शुरुआत से लेकर आज एक विश्वस्तरीय वायु सेना बनने तक का सफर तय किया है। इसकी यात्रा में शामिल हैं:
इस दिन कई प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जैसे:
ये समारोह कई उद्देश्यों को पूरा करते हैं:
IAF की भूमिका केवल राष्ट्रीय रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता सहायता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, 2013 में आपदा राहत ऑपरेशन के दौरान:
इस तरह, भारतीय वायु सेना दिवस हमें न केवल हमारे वायु योद्धाओं की बहादुरी और सेवा को याद दिलाता है, बल्कि हमारे देश की रक्षा और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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