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भारत-यूक्रेन ने कृषि सहयोग पर पहली संयुक्त कार्य समूह बैठक आयोजित की

भारत और यूक्रेन के बीच 18 जून 2025 को कृषि पर पहली संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group – JWG) बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। यह बैठक दोनों देशों के कृषि और संबंधित क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत से श्री अजीत कुमार साहू (संयुक्त सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग) और यूक्रेन से सुश्री ऑक्साना ओस्माचको (उप मंत्री, कृषि नीति एवं खाद्य मंत्रालय) ने की।

क्यों है यह खबर में?

यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और यूक्रेन के बीच कृषि क्षेत्र पर केंद्रित पहला औपचारिक संवाद है। वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा और कृषि नवाचार की प्राथमिकता को देखते हुए, यह साझेदारी भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कृषि पहुंच और यूक्रेन की प्रौद्योगिकी और ज्ञान साझेदारी की रुचि को दर्शाती है।

बैठक के मुख्य बिंदु

  • तिथि: 18 जून 2025

  • माध्यम: वर्चुअल (ऑनलाइन)

  • सह-अध्यक्ष:

    • भारत: श्री अजीत कुमार साहू (संयुक्त सचिव, कृषि मंत्रालय)

    • यूक्रेन: सुश्री ऑक्साना ओस्माचको (उप मंत्री, कृषि नीति और खाद्य मंत्रालय)

भारत की प्राथमिकताएं और योगदान

भारत ने अपनी प्रमुख कृषि पहलों को प्रस्तुत किया:

  • ई-नाम (e-NAM): डिजिटल कृषि बाजार मंच

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन – दालें (NFSM-Pulses)

  • राष्ट्रीय मिशन – खाद्य तेल-तिलहन 

भारत का ज़ोर:

  • किसानों के लिए डिजिटल समाधान

  • जलवायु-लचीली कृषि

  • जोखिम प्रबंधन और ऋण सुविधा

  • खाद्य सुरक्षा, उत्पादकता वृद्धि और ग्रामीण सशक्तिकरण

यूक्रेन की रुचियां और सहयोग क्षेत्र

यूक्रेन ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई इन क्षेत्रों में:

  • खाद्य प्रसंस्करण और कृषि यंत्रीकरण

  • जीनोम संपादन और पौध प्रजनन तकनीक

  • डिजिटल कृषि

  • मृदा उर्वरता और मानचित्रण

यूक्रेन ने भारत को कृषि अनुभव के क्षेत्र में एक पूरक शक्ति के रूप में मान्यता दी।

चर्चा किए गए द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्र

  • बागवानी और फसल विविधीकरण

  • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अनुसंधान साझेदारी

  • क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करना

  • बाज़ार तक पहुंच और खाद्य सुरक्षा मानक

  • ICAR, FSSAI और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के साथ सहयोगात्मक परियोजनाएं

बैठक का महत्व

  • भारत-यूक्रेन कृषि कूटनीति के नए रास्ते खोलती है

  • वैश्विक कृषि चुनौतियों जैसे खाद्य सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन में मददगार

  • बदलते वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य में द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करती है

  • भारत की छवि को एक वैश्विक कृषि ज्ञान भागीदार के रूप में सुदृढ़ करती है

यह बैठक भारत और यूक्रेन के बीच कृषि नवाचार और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जो वैश्विक खाद्य प्रणाली में भारत की अग्रणी भूमिका को भी दर्शाता है।

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