भारत अब अपनी तोपखाना क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में है, क्योंकि जल्द ही पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के नए दीर्घ-मार्गी (लॉन्ग-रेंज) संस्करण शामिल किए जाएंगे, जो 300 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदने में सक्षम होंगे। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह प्रणाली सटीक हमलों, तेज़ तैनाती और अधिक मारक क्षमता को समर्थन देगी — जो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने हाल ही में घोषणा की कि पिनाका प्रणाली के 120 किमी और 300 किमी रेंज वाले अपग्रेडेड संस्करणों का उत्पादन जल्द शुरू होगा। गाइडेड पिनाका (Guided Pinaka) के सफल परीक्षणों के बाद यह निर्णय लिया गया है। अगले 3–5 वर्षों में यह सिस्टम भारतीय सेना में शामिल किए जाएंगे।
तोपखाना (आर्टिलरी) की रेंज, सटीकता और प्रतिक्रिया समय को बढ़ाना।
पूरी तरह स्वदेशी रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम स्थापित करना।
विदेशी रक्षा उपकरणों पर निर्भरता घटाकर आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना।
DRDO अब पिनाका-3 (120 किमी) और पिनाका-4 (300 किमी) संस्करणों का निर्माण करेगा।
गाइडेड पिनाका के परीक्षण पूरे हो चुके हैं; खरीद प्रक्रिया चालू है।
भारतीय सेना अगले 3–5 वर्षों में इन्हें शामिल करेगी।
2030 तक 22 पिनाका रेजीमेंट तैनात करने की योजना है।
DRDO, पुणे द्वारा विकसित मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) प्रणाली।
12 रॉकेट मात्र 44 सेकंड में फायर करने की क्षमता।
शूट-एंड-स्कूट प्रणाली — फायरिंग के तुरंत बाद स्थान परिवर्तन करने की क्षमता।
स्वचालित लेवलिंग और स्थिरीकरण, और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम से सटीक लक्ष्य निर्धारण।
संचालन मोड:
फायर कंट्रोल कंप्यूटर
लॉन्चर कंप्यूटर
मैनुअल ऑपरेशन
AGAPS या डायल साइट से गन एलाइन्मेंट और लक्ष्य निर्धारण।
भारत की निवारक शक्ति (deterrence capability) को मजबूती देता है।
सीमा तनाव के समय ऑपरेशनल तत्परता बढ़ाता है।
भारत को अगली पीढ़ी की सटीक आर्टिलरी तकनीक विकसित करने वाला देश बनाता है।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा और रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त करता है।
लेयर आधारित वायु रक्षा प्रणाली (Layered Air Defence System) पर काम जारी है — जैसे इज़राइल की आयरन डोम।
स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ जैसे:
आकाश मिसाइल
QRSAM (Quick Reaction Surface-to-Air Missile)
Kusha मिसाइल (आगामी प्रणाली) — यह सब पिनाका को सहयोग देंगी।
रूस से प्राप्त S-400 पहले से तैनात; भारत का S-500 जैसा स्वदेशी संस्करण भी विकासाधीन है।
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