भारत 17 अगस्त 2024 को वर्चुअली तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। विकासशील देशों के लिए भविष्य की चुनौतियों को लेकर इसमें चर्चा की जाएगी। शिखर सम्मेलन में पिछली बैठकों की तरह ही इस बार भी खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी जटिल चुनौतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन के पिछले संस्करणों में ग्लोबल साउथ के 100 से ज्यादा देशों ने भागीदारी की थी।
इससे पहले भारत ने बीते साल 12-13 जनवरी को पहली बार इस समिट का आयोजन किया था, तो दूसरा सम्मेलन भी बीते साल 17 नवंबर को हुआ था. इन दोनों सम्मेलनों की मेजबानी भारत ने ही की थी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने जानकारी देते हुए बताया, “भारत 17 अगस्त को तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन का विषय ‘एक सतत भविष्य के लिए एक सशक्त वैश्विक दक्षिण’ होगा।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि यह अनूठी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ दृष्टिकोण के विस्तार के रूप में शुरू हुई है और यह भारत के वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) के दर्शन पर आधारित है।
शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण में ग्लोबल साउथ के देशों के साथ एक साझा मंच पर चर्चा की जाएगी। देशों की चुनौयतियों, प्राथमिकतओं और विकास के क्षेत्र में समाधानों को लेकर वचार साझा किए जाएंगे। उद्घाटन सत्र राज्य सरकार के प्रमुखों के स्तर पर होगा और इसकी मेजबानी प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।
भारत ने पिछले साल 12 और 13 जनवरी को पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। दूसरा संस्करण पिछले साल 17 नवंबर को आयोजित किया गया था। दोनों शिखर सम्मेलन आभासी प्रारूप में आयोजित किए गए।
पीएम मोदी ने दूसरे संस्करण कहा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी की बदलती हुई दुनिया का सबसे अनूठा मंच है। भौगोलिक रूप से ग्लोबल साउथ हमेशा से रहा है, लेकिन उसे इस प्रकार से आवाज पहली बार मिल रही है। ये हमारे साझा प्रयासों से हो पाया है। हम 100 से ज्यादा अलग-अलग देश हैं, लेकिन हमारे हित समान हैं, हमारी प्राथमिकताएं समान हैं।
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