भारत (नई दिल्ली), प्रस्तावित 1,814 किलोमीटर लंबी तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन की अगली स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की मेजबानी करेगा, दोनों पक्षों ने इसकी पुष्टि की. यह निर्णय व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर छठे संयुक्त अंतर-सरकारी समिति (आईजीसी) की बैठक के दौरान किया गया.
यह बैठक तुर्कमेनिस्तान के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच हुई.
संक्षिप्त में टीएपीआई गैस पाइपलाइन के बारे में-
तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन, जिसे ट्रांस-अफगानिस्तान पाइपलाइन भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक गैस पाइप लाइन है जिसे एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा विकसित किया गया है. 24 अप्रैल 2008 को पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान से प्राकृतिक गैस खरीदने के लिए एक ढांचे पर हस्ताक्षर किए. 11 दिसंबर 2010 को तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात में पाइपलाइन पर अंतर-सरकारी समझौता किया गया था.
स्त्रोत- द हिन्दू