Categories: Defence

NAG और हेलिना: भारतीय सेना में नए शक्ति का संबोधन

भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना में स्थानांतरित होने के लिए भारतीय निर्मित NAG एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) और हेलिना (ध्रुवास्त्र) मिसाइल सिस्टम का वैरिएंट ‘ध्रुवास्त्र’ परीक्षणों को पूरा करने के बाद स्थानांतरित किया जाएगा। NAG एटीजीएम और हेलिना (ध्रुवास्त्र) मिसाइल दोनों ही रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किए गए हैं और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा निर्मित किए गए हैं। नाग सर्फेस-टू-एयर मिसाइल है और ध्रुवास्त्र एयर-टू-सर्फेस मिसाइल है।

NAG एटीजीएम के बारे में:

  • NAG, जिसे प्रॉसपिना भी कहते हैं, एक तृतीय पीढ़ी का एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है जिसमें फायर एंड फॉरगेट टॉप अटैक क्षमता होती है।
  • नाग एटीजीएम इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित किया गया है, जिसमें अग्नि, आकाश, त्रिशूल और पृथ्वी जैसे चार अन्य मिसाइल शामिल होते हैं।
  • नाग की चालू रेंज लगभग 4 किलोमीटर तक है और इसमें एक तंदुलव उच्च-विस्फोटक एंटी-टैंक (एचईएटी) वारहेड होता है।
  • नाग एटीजीएम की लंबाई लगभग 1.834 मीटर है, व्यास 0.158 मीटर है, और इसका वजन लगभग 44 किलोग्राम है।

हेलिना (ध्रुवास्त्र) के बारे में:

  • हेलिना एक एयर-टू-सर्फेस मिसाइल सिस्टम है जो एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) से चलाया जाता है।
  • एएलएच में दो ट्विन लॉन्चर लगे होते हैं, एक-एक प्रत्येक तरफ, जिनमें प्रत्येक आठ मिसाइल होती हैं।
  • इसकी चालू रेंज लगभग 7 किलोमीटर तक है और इसकी लंबाई 1.946 मीटर और व्यास 0.150 मीटर है।
  • इसमें एक हाई रेजोल्यूशन इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर (आईआईआर) है जो लॉक ऑन बिफ़ोर लॉन्च (एलओबीएल) मोड में काम करता है और अवसर्पूर्ण मौसम की स्थितियों में स्वचालित लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग करने में सक्षम है।

नोट: 2022 में, डीआरडीओ ने उपयोगकर्ता सत्यापन परीक्षणों के हिस्से के रूप में उच्च ऊंचाई वाले स्थानों पर सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।

Find More Defence News Here

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
shweta

Recent Posts

SEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…

14 hours ago

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारत को अपना पहला वन विश्वविद्यालय मिलेगा

भारत अपनी पहली ‘वन विश्वविद्यालय (Forest University)’ की स्थापना की तैयारी कर रहा है, जो…

14 hours ago

झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 जीती

झारखंड ने 2025–26 सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) जीतकर इतिहास रच दिया। ईशान…

15 hours ago

संसद ने शांति बिल पास किया, AERB को वैधानिक दर्जा मिला

संसद ने सतत उपयोग एवं उन्नयन द्वारा भारत के परिवर्तन हेतु परमाणु ऊर्जा (SHANTI) विधेयक,…

16 hours ago

दक्षिण अफ्रीका से कैपुचिन बंदरों का बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में आयात

बेंगलुरु के पास स्थित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) ने संरक्षण-उन्मुख चिड़ियाघर प्रबंधन को…

16 hours ago

ओडिशा बनेगा एआई हब, 19-20 दिसंबर को क्षेत्रीय एआई इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस

ओडिशा सरकार 19–20 दिसंबर को रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगी। यह आयोजन शासन…

16 hours ago