भारत ने हॉकआई 360 की अत्याधुनिक निगरानी तकनीक हासिल करने के लिए अमेरिका के साथ 131 मिलियन डॉलर का सौदा करके अपने समुद्री रक्षा बुनियादी ढांचे को उन्नत किया है, जिससे देश को गैर-अनुपालन जहाजों पर नज़र रखने और हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत ने हॉकआई 360 से अत्याधुनिक निगरानी तकनीक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 131 मिलियन डॉलर का सौदा करके अपनी समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह समझौता भारत को “डार्क शिप” का पता लगाने और महत्वपूर्ण महासागर क्षेत्रों में समुद्री डोमेन जागरूकता में सुधार करने के लिए उन्नत क्षमताएं प्रदान करेगा।
इस सौदे को हाल ही में अमेरिकी सरकार ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच मंजूरी दी थी। यह चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (QUAD) के व्यापक रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य निगरानी क्षमता में वृद्धि के माध्यम से समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।
| सारांश/स्थैतिक | विवरण |
| चर्चा में क्यों? | भारत ने हॉकआई 360 प्रौद्योगिकी समझौते के साथ समुद्री निगरानी को मजबूत किया |
| डील वैल्यू | 131 मिलियन डॉलर |
| तकनीकी प्रदाता | हॉकआई 360, यूएसए |
| उद्देश्य | समुद्री निगरानी, अंधेरे जहाजों का पता लगाना |
| विशेषताएँ | ईओ, आईआर, एसएआर इमेजिंग; सीविज़न सॉफ्टवेयर |
| रणनीतिक लाभ | भारत की ईईजेड कवरेज, आईएफसी-आईओआर क्षमताओं को मजबूत करता है |
| प्रासंगिकता | हिंद-प्रशांत सुरक्षा, क्वाड संरेखण |
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