भारत और श्रीलंका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एक महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच इस तरह का पहला समझौता है। यह पहल लगभग 40 वर्षों बाद आई है, जब भारतीय शांति सेना (IPKF) को श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान तैनात किया गया था। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोलंबो यात्रा और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुर कुमारा डिसानायके के साथ हुई चर्चाओं के दौरान संपन्न हुआ। यह दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक दृष्टिकोण और सुरक्षा व विकास के मामलों में बढ़ती परस्पर निर्भरता को दर्शाता है। यह समझौता रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल सहयोग और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में केंद्रित दस प्रमुख समझौतों के व्यापक ढांचे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत और श्रीलंका के बीच साझेदारी को और गहरा करना है।
भारत-श्रीलंका रक्षा समझौता और अन्य समझौतों के प्रमुख बिंदु:
रक्षा सहयोग
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यह रक्षा सहयोग पर पहला फ्रेमवर्क समझौता ज्ञापन (MoU) है।
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इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और उच्च स्तरीय वार्तालाप शामिल हैं।
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यह इस विचार को सुदृढ़ करता है कि दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका द्वारा भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता को रेखांकित किया।
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राष्ट्रपति अनुर कुमारा डिसानायके ने आश्वासन दिया कि श्रीलंकाई भूमि का उपयोग भारत के विरुद्ध नहीं होने दिया जाएगा।
ऊर्जा और अवसंरचना
संपूर पावर प्रोजेक्ट
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इस परियोजना की शिलान्यास समारोह वर्चुअली आयोजित की गई।
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यह परियोजना श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाएगी।
मल्टी-प्रोडक्ट ऊर्जा पाइपलाइन परियोजना
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भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर।
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त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब के रूप में विकसित करने की योजना।
ग्रिड इंटरकनेक्टिविटी समझौता
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भारत और श्रीलंका की बिजली ग्रिड को जोड़ने का प्रस्ताव।
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इससे बिजली व्यापार और विद्युत निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगी।
डिजिटल परिवर्तन
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भारत और श्रीलंका के बीच डिजिटल गवर्नेंस समाधानों को साझा करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर।
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श्रीलंका के डिजिटल परिवर्तन को तेज करने का उद्देश्य।
नवीकरणीय ऊर्जा पहल
सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट
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5,000 धार्मिक स्थलों पर रूफटॉप सोलर पैनलों की स्थापना की जाएगी।
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भारत द्वारा 17 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता से वित्तपोषित।
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25 मेगावॉट हरित ऊर्जा उत्पन्न होगी।
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इसमें हिंदू, बौद्ध, ईसाई और मुस्लिम धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य और औषधि
MoU के तहत साझेदारी
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भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और
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श्रीलंका के स्वास्थ्य और मास मीडिया मंत्रालय के बीच।
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उद्देश्य: स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग।
अलग समझौता ज्ञापन
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इंडियन फार्माकोपिया कमीशन और
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श्रीलंका की नेशनल मेडिसिन्स रेगुलेटरी अथॉरिटी के बीच।
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औषधीय मानकों और प्रथाओं में सहयोग सुनिश्चित करने के लिए।
क्षेत्रीय समर्थन और विकास
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भारत ने 2.4 अरब श्रीलंकाई रुपये की सहायता योजना की घोषणा की।
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श्रीलंका के पूर्वी प्रांतों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर केंद्रित।
सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
समाचार में क्यों? | भारत-श्रीलंका ने भविष्य के लिए ऐतिहासिक रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए |
रक्षा | रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन: संयुक्त प्रशिक्षण, सैन्य अभ्यास, उच्चस्तरीय आदान-प्रदान |
ऊर्जा | सम्पूर पावर प्रोजेक्ट; यूएई के साथ त्रिंकोमाली एनर्जी हब; ग्रिड इंटरकनेक्टिविटी समझौता |
डिजिटल परिवर्तन | भारत द्वारा श्रीलंका को डिजिटल समाधान साझा करना |
नवीकरणीय ऊर्जा | 5,000 धार्मिक स्थलों पर सौर ऊर्जा प्रणालियाँ (25 मेगावाट) |
स्वास्थ्य एवं औषधि | दो समझौता ज्ञापन – एक स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग पर, दूसरा औषधीय मानकों पर |
क्षेत्रीय विकास | श्रीलंका के पूर्वी प्रांतों के सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु ₹2.4 अरब की सहायता |