भारत ने पहली बार अमेरिका से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) आयात करने के लिए एक संरचित ऊर्जा समझौता किया है, जो ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह अनुबंध 2026 से लागू होगा, जिसके तहत भारत हर वर्ष 2.2 मिलियन टन (MTPA) LPG खरीदेगा। यह मात्रा भारत के कुल वार्षिक LPG आयात का लगभग 10% हिस्सा है। यह कदम आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाने और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
LPG भारत में विशेष रूप से घरेलू रसोई ईंधन के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों में उज्ज्वला योजना जैसी सरकारी पहलों से ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग के परिवारों में LPG की पहुंच में बड़ी वृद्धि हुई है। इसी वजह से भारत आज दुनिया के सबसे बड़े LPG उपभोक्ताओं में शामिल है।
भारत की LPG मांग का 60% से अधिक हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा होता है। अधिकतर आपूर्ति पश्चिम एशियाई देशों — सऊदी अरब, यूएई, क़तर और कुवैत — से होती है। इतनी निर्भरता कम करने के लिए भारत विश्वसनीय वैकल्पिक स्रोत खोज रहा था।
यह अनुबंध वर्ष 2026 के लिए एक वर्ष की अवधि का है।
भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियाँ — IOC, BPCL और HPCL — अमेरिकी कंपनियों Chevron, Phillips 66 और TotalEnergies से संयुक्त रूप से LPG आयात करेंगी।
आपूर्ति US Gulf Coast से होगी।
कीमतें अमेरिका में प्रचलित Mont Belvieu बेंचमार्क से जुड़ी होंगी।
अमेरिका जैसे नए स्रोत जुड़ने से भारत की मध्य पूर्व पर निर्भरता कम होगी। किसी भी क्षेत्रीय अशांति या आपूर्ति बाधा के समय यह बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। ऊर्जा आयात बढ़ाकर भारत इस असंतुलन को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
Mont Belvieu बेंचमार्क मध्य पूर्व के मूल्य निर्धारण का एक विकल्प प्रदान करता है। इससे भारतीय कंपनियों को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य चुनने का अवसर मिलेगा।
अमेरिकी LPG में प्रोपेन की मात्रा अधिक होती है, जबकि भारत घरेलू उपयोग के लिए ब्यूटेन-समृद्ध LPG पसंद करता है। इससे अतिरिक्त मिश्रण या भंडारण व्यवस्था की आवश्यकता पड़ सकती है।
अमेरिका से आने वाली फ्रेट लागत मध्य पूर्व की तुलना में अधिक है।
यह अल्पकालिक अनुबंध है (सिर्फ 2026 के लिए)। दीर्घकालिक लाभ भविष्य के सौदों पर निर्भर करेंगे।
मौजूदा सब्सिडी संरचना को देखते हुए उपभोक्ता सिलेंडर की कीमतों में तत्काल कमी की संभावना कम है।
यह समझौता भारत की व्यापक ऊर्जा रणनीति को दर्शाता है —
आयात स्रोतों में विविधता,
आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता,
और वैश्विक साझेदारों के साथ मजबूत ऊर्जा संबंध।
आगे चलकर भारत ऐसे और समझौते अमेरिका और अन्य नए आपूर्तिकर्ताओं के साथ भी कर सकता है।
सौदा हुआ: नवंबर 2025
आयात मात्रा: 2.2 MTPA
आपूर्ति वर्ष: 2026
कुल LPG आयात में हिस्सा: ~10%
भारतीय कंपनियाँ: IOC, BPCL, HPCL
अमेरिकी आपूर्तिकर्ता: Chevron, Phillips 66, TotalEnergies
मूल्य बेंचमार्क: Mont Belvieu (US Gulf Coast)
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…
भारत विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है।…
भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…
पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…