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भारत ने बुद्ध के पवित्र अवशेष थाईलैंड भेजे

भारत ने बुद्ध के पवित्र अवशेष थाईलैंड भेजे |_3.1

भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को बैंकॉक के राष्ट्रीय संग्रहालय से रॉयल ग्राउंड सनम लुआंग में ले जाया जा रहा है। थाईलैंड में धूमधाम से इस शोभायात्रा को आयोजित किया जाता है। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को शुक्रवार को बैंकॉक के रॉयल ग्राउंड सनम लुआंग में स्थापित किए जाने के मौके पर थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार उपस्थित रहे।

भारत ने थाई पीएम को पवित्र अवशेष सौंपे

गौरतलब है कि भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहंता सारिपुत्त और अरहंता महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेष अब सनम लुआंग में स्थापित हैं। बिहार के राज्यपाल, राजेंद्र आर्लेकर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, वरिष्ठ भिक्षुओं और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ थाई पीएम को पवित्र अवशेष सौंपे।

भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहंता सारिपुत्त और अरहंता महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी 24 फरवरी से 3 मार्च तक लगाई जाएगी। सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच आम जनता श्रद्धांजलि देने के लिए आ सकती है। लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए तीन प्रांतों में पवित्र अवशेषों की स्थापना किए जाने की योजना है। उत्तरी थाईलैंड के रॉयल पार्क राजाप्रुए के होर खाम लुआंग में स्थापना होगी। पूर्वोत्तर के चियांग माई प्रांत में स्थापना होगी। उबोन रत्चथानी प्रांत के महावनराम मंदिर में स्थापना होगी। दक्षिण के क्राबी प्रांत में वाट महथात वाचिरामोंगकोल में अवशेषों की स्थापना होगी।

 

किन जगहों पर कितने दिन दर्शन होंगे

  • सनम लुआंग पवेलियन, बैंकॉक: 22 फरवरी 2024 – 3 मार्च 2024 (11 दिन)
  • हो कुम लुआंग, रॉयल राजप्रुक, चियांग माई: 4 मार्च 2024 – 8 मार्च 2024 (5 दिन)
  • वाट महा वानाराम, उबोन रतचथानी: 9 मार्च 2024 – 13 मार्च 2024 (5 दिन)
  • वाट महाथाट, औलुएक, क्राबी: 14 मार्च 2024 – 18 मार्च 2024 (5 दिन)

 

 

FAQs

थाईलैंड की राजधानी कहां है?

बैंकॉक थाइलैंड की राजधानी है।

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