भारत ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ बायोफार्मास्युटिकल गठबंधन शुरू किया

भारत ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ मिलकर एक नया गठबंधन बनाया है। इसका फायदा दुनिया के सभी देशों को होगा। इन देशों ने मिलकर जैव-औषधि क्षेत्र में एक मजबूत आपूर्ति शृंखला के निर्माण के लिए साझा प्रयास करने के इरादे से एक गठबंधन बनाया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोल में इस जैव-औषधि गठबंधन के गठन की घोषणा की।

इस गठबंधन की उद्घाटन बैठक ‘बायो इंटरनेशनल कन्वेंशन 2024’ के दौरान सैन डिएगो में आयोजित की गई। दुनिया की सबसे बड़ी जैव-औषधि प्रदर्शनी में भाग लेने वाले देशों के सरकारी अधिकारियों के साथ जैव-औषधि एवं दवा कंपनियों के प्रतिनिधि भी इसका हिस्सा थे।

दवा आपूर्ति श्रृंखला होगी बेहतर

संघ में शामिल सभी पक्ष दवा आपूर्ति शृंखला का एक विस्तृत मानचित्र बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। कोविड-19 महामारी के दौरान दवाओं की आपूर्ति को लेकर महसूस की गई किल्लत के बाद यह गठबंधन शुरू किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने दिसंबर में प्रमुख उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपनी बातचीत के दौरान गठबंधन बनाने पर सहमति व्यक्त की थी। बाद में जापान, भारत और यूरोपीय संघ को भी इस गठबंधन में शामिल करने का फैसला किया गया।

बायोफार्मास्यूटिकल्स क्या हैं?

बायोफार्मास्यूटिकल्स एक प्रकार की चिकित्सा दवा है जो किसी जीवित प्राणी के अंगों और ऊतकों, सूक्ष्मजीवों, जानवरों के तरल पदार्थ, या आनुवंशिक रूप से संशोधित कोशिकाओं और जीवों का उपयोग करके बनाई जाती है। यह उन दवाओं से अलग है जो विभिन्न रसायनों का उपयोग करके बनाई जाती हैं।

बायोफार्मास्यूटिकल्स गठबंधन के गठन के कारण और उद्देश्य

कोविड-19 महामारी के दौरान, दवा आपूर्ति में गंभीर बीमारियों के कारण दुनिया के कई हिस्सों में दवा की कमी हो गई थी। आवश्यक कच्चे माल और मानकों का उत्पादन कुछ देशों में केंद्रित था, जो महामारी के दौरान बुरी तरह से बाधित हुआ था और देश में स्वस्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई थीं। बायोफार्मास्यूटिकल्स गठबंधन का लक्ष्य भविष्य में ऐसी परिदृश्य की घटनाओं को रोकना है। बायोफार्मास्यूटिकल्स गठबंधन का उद्देश्य बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र में एक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है।

 

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vikash

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