भारत ने डिजिटल पायलट लाइसेंस जारी किया, चीन के बाद दूसरा

भारत ने अपने विमानन क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए फ्लाइट क्रू के लिए इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस (EPL) लॉन्च किया है। इस पहल के साथ, भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा देश बन गया है जिसने डिजिटल लाइसेंसिंग प्रणाली को अपनाया है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू द्वारा शुरू किया गया यह EPL कार्यक्रम लाइसेंसिंग प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और कुशल बनाने में मदद करेगा। यह पहल भारत के डिजिटल परिवर्तन और विमानन सुरक्षा के दृष्टिकोण के अनुरूप है, साथ ही विमानन उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगी।

EPL पहल के प्रमुख बिंदु

वैश्विक उपलब्धि: भारत अब चीन के बाद इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस (EPL) लागू करने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है।

लॉन्च विवरण:

  • शुभारंभकर्ता: नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू
  • नियामक संस्था: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA)
  • लॉन्च तिथि: फरवरी 2025

उद्देश्य

  • पायलटों के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान और डिजिटल बनाना।
  • सुरक्षा, पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना।
  • विमानन क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को गति देना।

EPL के लाभ

  • सुविधा: कागजी कार्रवाई कम होगी और लाइसेंस प्रक्रिया आसान होगी।
  • पारदर्शिता: पायलट प्रमाणपत्रों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग और प्रमाणीकरण संभव होगा।
  • दक्षता: लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण की प्रक्रिया तेज़ होगी।
  • सुरक्षा: धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी और नियामक अनुपालन बेहतर होगा।

विमानन क्षेत्र की वृद्धि और भविष्य की योजनाएं

  • भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है।
  • अगले कुछ वर्षों में 20,000 नए पायलटों की आवश्यकता होगी।
  • पांच वर्षों में 50 नए हवाई अड्डों का विस्तार किया जाएगा।
  • अगले दशक में 120 नई घरेलू उड़ान मार्गों की शुरुआत होगी।
  • हवाई अड्डों के लिए “डिजिटल ट्विन” सिस्टम विकसित किए जाएंगे, जिससे रीयल-टाइम निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी।

उद्योग की प्रतिक्रियाएं और प्रभाव

  • एक वरिष्ठ भारतीय एयरलाइन पायलट ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रक्रिया सरल होगी और पायलट अपनी उड़ानों की सुरक्षा और दक्षता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे
  • विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल भारत के विमानन क्षेत्र के डिजिटलीकरण में एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे नियामक प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी बनेंगी।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

3 hours ago

RBI मौद्रिक नीति दिसंबर 2025: दरों में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…

4 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

5 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

5 hours ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

6 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

7 hours ago