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डिजिटल व्यापार सुविधा देने के प्रयास में भारत सबसे आगे

डिजिटल व्यापार सुविधा देने के प्रयास में भारत सबसे आगे |_30.1

अर्थव्यवस्था की विकास दर के बाद भारत अब डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा देने के प्रयास में भी सबसे आगे निकल गया है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) की तरफ से सर्वे किया गया था, जिसमें भारत 140 देशों को पीछे छोड़ते हुए व्यापार सुविधा देने के प्रयास में सबसे आगे दिखा। इन देशों में कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी सहित कई विकसित देश भी शामिल हैं।

 

भारत को 93.55 फीसद अंक मिले

 

वर्ष 2023 के लिए किए गए सर्व में भारत को 93.55 फीसद अंक मिले। वर्ष 2021 में यूएनईएससीएपी के इस सर्वे में भारत को 90.32 प्रतिशत अंक मिले थे। जानकारों का कहना है इस रिपोर्ट से डिजिटल व अन्य प्रकार की व्यापारिक सुविधा देने के मामले में भारत की प्रतिबद्धता जाहिर होती है जिससे देश के निवेश और मैन्यूफैक्चरिंग में बढ़ोतरी तय है। सर्वे में 60 प्रकार के सुविधा उपायों का मूल्यांकन किया गया जिसके आधार पर रिपोर्ट जारी की गई।

 

व्यापार संबंधी मूल्यांकन में भारत

 

पारदर्शिता, औपचारिकताएं, संस्थागत व्यवस्था, सहयोग और कागज रहित व्यापार संबंधी मूल्यांकन में भारत ने 100 प्रतिशत का उत्कृष्ट अंक हासिल किया है। ये उल्लेखनीय अंक व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, पारदर्शिता बढ़ाने, व्यापार की सुविधा के लिए सिंगल विंडो इंटरफेस (स्विफ्ट), प्री-अराइवल डेटा प्रोसेसिंग, ई-संचित, समन्वित सीमा प्रबंधन आदि जैसी पहल से हासिल हो पाए हैं।

 

महिलाओं से जुड़ी सुविधा के स्कोर

वित्त मंत्रालय के मुताबिक ये अंक व्यापारिक हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में भारत के अथक प्रयासों का भी प्रमाण हैं। व्यापार सुविधा मूल्यांकन के तहत महिलाओं से जुड़ी सुविधा के स्कोर में बढ़ोतरी देखी गई। भारत में ‘व्यापार सुविधा में महिलाएं’ घटक के लिए 2021 में भारत को 66.7 प्रतिशत अंक मिले थे जो वर्ष 2023 में बढ़कर 77.8 प्रतिशत हो गए। इससे लैंगिक समानता में बढ़ोतरी और व्यापार क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत मिलता है।

 

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FAQs

डिजिटल इंडिया का लक्ष्य क्या है?

डिजिटल इंडिया की प्रकृति रूपांतरकारी है व इससे सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हों। इस कार्यक्रम का मकसद भारत को डिजिटल रूप से एक सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।