ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा निवेश में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, भारत विश्व आर्थिक मंच (WEF) के ऊर्जा संक्रमण सूचकांक 2025 में पिछले साल से आठ पायदान नीचे गिरकर 71वें स्थान पर आ गया है। यह सूचकांक, जो ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और समानता में उनके प्रदर्शन के आधार पर 118 देशों को रैंक करता है, स्वीडन, फ़िनलैंड और डेनमार्क को शीर्ष पर रखता है। जबकि भारत की रैंकिंग में गिरावट आई है, WEF ने ऊर्जा पहुँच, विनियामक ढाँचे और संक्रमण तत्परता में देश के महत्वपूर्ण सुधारों को स्वीकार किया है।
क्यों है यह समाचार में?
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF) ने 18 जून 2025 को अपना वार्षिक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Energy Transition Index – ETI) जारी किया। इसमें भारत को 118 देशों में से 71वां स्थान प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष (2024) के 63वें स्थान से 8 स्थान नीचे है। हालांकि भारत ने ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ ऊर्जा निवेश और नियामक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, फिर भी यह रैंकिंग में गिरावट आई है।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देश
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स्वीडन
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फिनलैंड
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डेनमार्क
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नॉर्वे
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स्विट्ज़रलैंड
भारत की स्थिति
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रैंकिंग: 71वां (2025), पहले था 63वां (2024)
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प्रशंसा मिली:
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ऊर्जा तक पहुंच और स्वच्छ ईंधनों की उपलब्धता में वृद्धि
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नियामकीय ढांचे और ऊर्जा संक्रमण के लिए तैयारियों में सुधार
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ऊर्जा तीव्रता और मीथेन उत्सर्जन में कमी
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भारत की चुनौतियाँ
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ऊर्जा समानता (Energy Equity) और ऊर्जा सुरक्षा में प्रगति की आवश्यकता
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आयातित ईंधनों पर निर्भरता
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ग्रिड विश्वसनीयता और ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंच में अंतर
अन्य देशों की रैंकिंग
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चीन: 12वां
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अमेरिका: 17वां (ऊर्जा सुरक्षा में शीर्ष)
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कांगो: अंतिम स्थान
वैश्विक अवलोकन
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केवल 28% देशों ने ऊर्जा संक्रमण के तीनों स्तंभों (सुरक्षा, स्थिरता, समानता) में सुधार किया
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118 में से 77 देशों ने कुल स्कोर में सुधार किया
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चिंता का विषय:
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2024 में $2 ट्रिलियन स्वच्छ ऊर्जा निवेश के बावजूद, कार्बन उत्सर्जन 37.8 बिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर
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AI तकनीक के कारण बढ़ती ऊर्जा मांग, भूराजनीतिक तनाव, और कमजोर देशों में धीमी तैनाती से संक्रमण की रफ्तार बाधित
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रिपोर्ट की जानकारी
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शीर्षक: Fostering Effective Energy Transition 2025
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जारी करने वाला: विश्व आर्थिक मंच (WEF) एवं एक्सेंचर (Accenture)
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मूल्यांकन के तीन स्तंभ:
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ऊर्जा सुरक्षा
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स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी)
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समानता (इक्विटी)
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तैयारी के 5 कारक:
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राजनीतिक प्रतिबद्धता
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वित्तीय संसाधन
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नवाचार (Innovation)
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अवसंरचना
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मानव पूंजी
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