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बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी मामले में भारत छठे स्थान पर

बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में भारत ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। वहीं, सुरक्षा के मामले में भारत का स्थान औसत से बेहतर है। हालांकि, भारत पड़ोसी देशों भूटान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है। वैश्विक गैर लाभकारी संगठन इंटरनेट सोसायटी द्वारा जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इंटरनेट की मजबूती के मामले में दक्षिण एशिया में भारत 43 प्रतिशत के कुल स्कोर के साथ छठे स्थान पर है।

 

बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी क्यों जरूरी है ?

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जुझारू या मजबूत इंटरनेट कनेक्शन खराबी या सामान्य परिचालन में चुनौतियों के बीच एक स्वीकार्य स्तर की सेवा को कायम रखता है। सोसायटी ने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी अनिवार्य है।

 

दक्षिण एशियाई परिदृश्य पर एक झलक

इंटरनेट रेजिलिएंस इंडेक्स (आईआरआई) में शीर्ष 5 देश:

Rank Country Internet Resilience Index (IRI) Ranking
1 Bhutan 58 percent
2 Bangladesh 51 percent
3 Maldives 50 percent
4 Sri Lanka 47 percent
5 Nepal 43 percent

 

रिपोर्ट क्या कहती है?

रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट की मजबूती के मामले में दक्षिण एशिया में भारत 43 प्रतिशत के कुल स्कोर के साथ छठे स्थान पर है। इस सूची में भारत का स्थान भूटान (58 प्रतिशत), बांग्लादेश (51 प्रतिशत), मालदीव (50 प्रतिशत), श्रीलंका (47 प्रतिशत) और नेपाल (43 प्रतिशत) के बाद है। इस रिपोर्ट में इंटरनेट के बुनियादी ढांचे, प्रदर्शन, सुरक्षा और बाजार के अनुरूप तैयारियों पर गौर किया गया है। सूची में हालांकि, भारत का स्थान पाकिस्तान से बेहतर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा के मामले में भारत का स्थान औसत से बेहतर है।

 

भारत का स्थान सुरक्षा के मामले में बेहतर

रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा के मामले में भारत का स्थान औसत से बेहतर है। दुनिया में भारत आईपीवी6 को अपनाने के मामले में सबसे आगे है। सुरक्षा के मामले में भारत को 66 प्रतिशत अंक मिले हैं, वहीं जब बात बुनियादी ढांचे की आती है, तो ये अंक घटकर 31 प्रतिशत पर आ जाते हैं। बाजार तैयारियों के मामले में भारत को 35 प्रतिशत अंक मिले हैं।

इस रिपोर्ट में इंटरनेट के बुनियादी ढांचे, प्रदर्शन, सुरक्षा और बाजार के अनुरूप तैयारियों पर गौर किया गया है। वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन इंटरनेट सोसाइटी द्वारा विकसित आईआरआई, सुरक्षा, प्रदर्शन, बुनियादी ढांचे और बाजार की तैयारी जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए, देश के इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र का व्यापक मूल्यांकन प्रदान करता है।

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vikash

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