भारत ने तीव्र हमला अभियानों के लिए भैरव बटालियनों का गठन किया

भारतीय सेना एक साहसिक परिवर्तन से गुजर रही है, जिसमें 25 भैरव बटालियन की स्थापना की जा रही है। ये नई श्रेणी की एलीट यूनिट नियमित इन्फैंट्री और स्पेशल फोर्सेज़ के बीच कार्य करेंगी। ये “लीन और मीन” बटालियनें सपर्साइज स्ट्राइक, काउंटर‑इंसर्जेंसी, टोही और उच्च‑गतिवान मिशनों पर विशेष ध्यान देंगी, विशेषकर चीन और पाकिस्तान के संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में। इन बटालियनों का गठन तेजी से प्रतिक्रिया क्षमता और सामरिक गहराई बढ़ाने के लिए सेना के व्यापक आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है।

भैरव बटालियन क्या हैं?

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जुलाई 2025 में भैरव बटालियनों की घोषणा की। यह एक हाइब्रिड युद्ध मॉडल है।

  • प्रत्येक इन्फैंट्री बटालियन में मौजूद घाटक प्लाटून (Ghatak Platoons) लगभग 20 सैनिकों के होते हैं।

  • भैरव बटालियनें लगभग 250 सैनिकों की होंगी और भू‑विशिष्ट मिशनों के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होंगी।

Lt Gen अजय कुमार के अनुसार, भैरव यूनिटों का उद्देश्य:

  • सीमा पार हमलों द्वारा शत्रु गतिविधियों को बाधित करना।

  • अचानक हमले और गहन टोही करना।

  • स्पेशल फोर्सेज़ को कम महत्वपूर्ण मिशनों से मुक्त कर बल बढ़ाना (force multiplier)।

  • इन्फैंट्री, आर्टिलरी, सिग्नल्स और एयर‑डिफेंस के सैनिकों का समेकन।

इस विविध संरचना से प्रत्येक बटालियन स्वतंत्र और जटिल परिस्थितियों में तेज़ी से तैनात होने में सक्षम होगी।

तैनाती और सामरिक महत्व

  • वर्तमान में 5 बटालियन संचालन में हैं और 4 और बटालियनों का निर्माण जारी है।

  • पूरी 25 बटालियन छह महीनों के भीतर तैयार होने की उम्मीद है।

मुख्य तैनाती क्षेत्र:

  • पाकिस्तान और चीन से सटी उत्तरी सीमाएँ

  • उत्तर‑पूर्वी विद्रोही क्षेत्र

  • पश्चिमी सेक्टर, तेज़ी से बलों की तैनाती के लिए

यह बल‑वृद्धि बढ़ते सीमावर्ती तनाव और असममित खतरों जैसे आतंकवाद और ड्रोन युद्ध के बीच आ रही है।

परिचालन कारण: ऑपरेशन सिंदूर से सीख

ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) ने दिखाया कि तेजी और रणनीतिक उद्देश्यों के बीच अंतर है। इसके आधार पर भैरव बटालियनों की जरूरत:

  • स्वतंत्र कमान के साथ उच्च‑गति संचालन

  • इंटीग्रेटेड ISR (Intelligence, Surveillance, Reconnaissance) क्षमताएँ

  • सेना की विभिन्न शाखाओं के बीच घनिष्ठ समन्वय

भैरव यूनिटें इन्फैंट्री और स्पेशल फोर्सेज़ के बीच की खाई को भरेंगी और भविष्य के हाइब्रिड युद्ध में तेज़, लचीले जवाब सुनिश्चित करेंगी।

सेना के अन्य प्रमुख परिवर्तन

भैरव बटालियनों के अलावा भारतीय सेना में कई अन्य तकनीकी और लचीले यूनिटें शामिल हैं:

  1. आश्नी (Ashni) प्लाटून

    • इन्फैंट्री बटालियन के भीतर ड्रोन‑विशेषज्ञ यूनिट।

    • कार्य: निगरानी, लॉइटरिंग म्यूनिशन (impact पर विस्फोट), आत्मघाती‑शैली ड्रोन हमले।

  2. रुद्र ब्रिगेड (Rudra Brigades)

    • संयुक्त हथियार ब्रिगेडें: इन्फैंट्री, टैंक, मैकेनाइज्ड यूनिट, आर्टिलरी, UAVs, लॉजिस्टिक्स और स्पेशल फोर्सेज़।

    • टेक‑सक्षम लचीलापन और स्वतंत्र युद्ध क्षमता।

  3. शक्तिबाण रेजिमेंट्स (Shaktibaan Regiments)

    • अनमैन युद्ध केंद्रित रेजिमेंट्स।

    • ड्रोन‑स्वार्मिंग, RPAS और लॉन्ग/मीडियम‑रेंज लॉइटरिंग म्यूनिशन द्वारा प्रिसिजन स्ट्राइक।

  4. दिव्यास्त्र बैटरियाँ (Divyastra Batteries)

    • पारंपरिक तोपखाने + ड्रोन के माध्यम से रियल‑टाइम लक्ष्य ट्रैकिंग।

    • गतिशील लक्ष्यों के खिलाफ डीप स्ट्राइक और प्रिसिजन एंगेजमेंट।

निष्कर्ष:
ये नई इकाइयाँ नेटवर्क‑केंद्रित और AI-सहायता प्राप्त युद्ध क्षमता को बढ़ावा देती हैं। भैरव बटालियनें इन्फैंट्री और स्पेशल फोर्सेज़ के बीच पुल का काम करेंगी, तेजी से तैनाती और बहुआयामी संचालन के लिए सेना को सक्षम बनाएंगी। इस तरह भारतीय सेना के लिए यह एक तकनीक-सक्षम, लचीली और आधुनिक युद्ध संरचना की ओर महत्वपूर्ण कदम है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत में कॉफी बागान: वैश्विक रैंक, क्षेत्र, इतिहास, आवश्यकताएँ और महत्व

भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…

2 hours ago

सिंगापुर चांगी एयरपोर्ट ने 2025 का दुनिया के सबसे अच्छे एयरपोर्ट का खिताब जीता

सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक विमानन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित…

3 hours ago

पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरा WHO ग्लोबल समिट नई दिल्ली में शुरू

द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…

3 hours ago

नरपुह वन्यजीव अभयारण्य: संरक्षण चुनौतियाँ और पारिस्थितिक महत्व

हाल ही में वैज्ञानिकों और संरक्षण विशेषज्ञों ने नरपुह (Narpuh) वन्यजीव अभयारण्य को लेकर गंभीर…

5 hours ago

फीफा बेस्ट फुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 में विजेताओं की सूची

फीफा बेस्ट फ़ुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन दोहा, क़तर में किया गया, जहाँ पिछले वर्ष…

6 hours ago

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2025: भारत में संविधान, नीतियां और जागरूकता

भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2025, जो 18 दिसंबर को मनाया जाता है, सभी नागरिकों…

6 hours ago