भारत-पाकिस्तान युद्ध: क्या है एस-400 वायु रक्षा प्रणाली?

ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को किए गए सटीक हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही एक बार फिर भारत की हवाई रक्षा क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित हुआ। भारत के शस्त्रागार में सबसे दुर्जेय हथियारों में से एक एस-400 ट्रायम्फ है, जिसे भारतीय सेवा में ‘सुदर्शन चक्र’ के रूप में जाना जाता है, जो शत्रुतापूर्ण घुसपैठ के खिलाफ एक रणनीतिक निवारक और हवाई ढाल है।

S-400 सुदर्शन चक्र क्या है?

S-400 ट्रायम्फ एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (SAM) है, जिसे रूस के Almaz Central Design Bureau द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है, जैसे:

  • स्टेल्थ विमान

  • क्रूज़ मिसाइलें

  • बैलिस्टिक मिसाइलें

  • ड्रोन व UAVs

प्रत्येक स्क्वाड्रन में शामिल होते हैं:

  • 2 बैटरियां (प्रत्येक में 6 लॉन्चर)

  • कमांड व कंट्रोल यूनिट्स

  • निगरानी व टारगेटिंग रडार

  • कुल 128 मिसाइलों तक ले जाने और दागने की क्षमता

भारत में S-400 की खरीद व तैनाती

  • सौदा: भारत ने 2018 में रूस से ₹35,000 करोड़ (लगभग $5.4 अरब) में 5 स्क्वाड्रन S-400 प्रणाली खरीदने का समझौता किया।

  • स्थिति (2025 तक): 3 स्क्वाड्रन पूर्णतः परिचालन में; बाकी 2 स्क्वाड्रन 2026 तक आने की संभावना।

  • तैनाती: पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा और चीन की ओर उत्तरी सेक्टर में प्रमुख स्थानों पर।

S-400 की लागत

  • भारत-रूस समझौते की कुल राशि: ₹35,000 करोड़ (लगभग $5.4 अरब)

  • सौदा 2018 में किया गया था, जो भारत की सबसे महंगी रक्षा खरीद में से एक है।

S-400 की क्षमताएं

मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम, जो 4 प्रकार की मिसाइलों से लैस होता है:

मिसाइल प्रकार प्रभावी मारक दूरी
शॉर्ट रेंज 40 किमी तक
मीडियम रेंज 120 किमी तक
लॉन्ग रेंज 250 किमी तक
वेरी लॉन्ग रेंज 400 किमी तक

ट्रैकिंग और टारगेट एंगेजमेंट

  • एक साथ 160 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है

  • 72 लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने में सक्षम

  • अधिकतम 30 किमी ऊंचाई तक कार्यरत

  • फेज्ड ऐरे रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर से लैस

  • इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग में भी सक्षम संचालन

भारत की रक्षा रणनीति में भूमिका

S-400 सुदर्शन चक्र भारत की वायु रक्षा रणनीति का एक मुख्य आधार बन चुका है। हालिया IAF अभ्यासों में इसने दिखाया कि:

  • शत्रु विमानों और मिसाइलों को रोकने में दक्ष

  • इलेक्ट्रॉनिक जामिंग के बावजूद प्रभावी संचालन

  • AWACS, नेट्रा जैसी निगरानी प्रणालियों के साथ समन्वय

  • लेयर्ड एयर डिफेंस नेटवर्क को और सशक्त बनाया

वैश्विक उपयोगकर्ता देश

S-400 प्रणाली का उपयोग निम्नलिखित देश करते हैं:

देश विवरण
रूस मुख्य विकासकर्ता और उपयोगकर्ता
चीन पहला विदेशी खरीदार (2018 में डिलीवरी पूरी)
तुर्की 2017 में अधिग्रहण; नाटो के साथ विवाद
बेलारूस कुछ यूनिट्स का संचालन (रूसी मदद से)
अल्जीरिया संचालन की अटकलें (आधिकारिक पुष्टि नहीं)

विवाद क्षेत्रों में तैनाती:

  • सीरिया (2015): रूस ने तुर्की द्वारा एक जेट गिराने के बाद खमीमिम एयरबेस पर तैनात किया।

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vikash

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