भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) की 10वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारियों के बीच, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम को वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रम के 11वें संस्करण के लिए राष्ट्रीय मेज़बान के रूप में चुना गया है। आयुष मंत्रालय और आंध्र प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने तैयारियों का आकलन करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा और क्षेत्र का दौरा किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग को जमीनी स्तर तक ले जाने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस प्राचीन भारतीय परंपरा का लाभ हर नागरिक तक पहुँचे।
भारत 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) की 11वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है, जो IDY की एक दशक लंबी यात्रा को चिह्नित करेगा। इस अवसर के लिए आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम को राष्ट्रीय आयोजन स्थल के रूप में चुना गया है। आयुष मंत्रालय और आंध्र प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में स्थल निरीक्षण और समीक्षा बैठकें कीं ताकि तैयारियों का आकलन किया जा सके। इस आयोजन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “योग को जन-जन तक पहुंचाने” के विज़न को साकार करना है।
स्थान: विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश
तिथि: 21 जून 2025
मुख्य आयोजन स्थल:
आरके बीच
ऋषिकोंडा बीच
आंध्र विश्वविद्यालय
गीतम विश्वविद्यालय
विशाखापट्टनम में अनुमानित प्रतिभागी: 5 लाख+
पूरे आंध्र प्रदेश में आयोजन स्थल: 1 लाख से अधिक स्थानों पर
राष्ट्रीय थीम: “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”
वैद्य राजेश कोटेचा – सचिव, आयुष मंत्रालय
श्री के. विजयानंद – विशेष मुख्य सचिव, आंध्र प्रदेश
सुश्री मोनालिसा दाश – संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय
एम. एन. हरेंद्र प्रसाद – जिला कलेक्टर, विशाखापट्टनम
स्वास्थ्य, नगरीय योजना, आयुष और VMRDA विभागों के प्रमुख अधिकारी
प्रमुख योग प्रदर्शन स्थलों का निरीक्षण
सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
विभागों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना
सांस्कृतिक एकीकरण और वेलनेस कार्यक्रमों पर बल देना
2 करोड़ से अधिक नागरिकों तक योग पहुँचाना
जन-जागरूकता अभियान आयोजित करना
स्कूलों और विश्वविद्यालयों में योग शिविर लगाना
20 लाख प्रमाणित योग प्रशिक्षकों को तैयार करने का लक्ष्य
दैनिक योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाना
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी।
पहला IDY आयोजन 2015 में हुआ था।
यह हर साल 21 जून को मनाया जाता है, जो ग्रीष्म संक्रांति का दिन होता है।
यह पहल अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुकी है, जो समग्र स्वास्थ्य और जीवनशैली को बढ़ावा देती है।
यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक विरासत और वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व को दर्शाता है, और विशाखापट्टनम इस संदेश को दुनिया तक पहुँचाने का केंद्र बनने जा रहा है।
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