बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टीके रामचंद्रन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल लंदन में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की परिषद के 132वें सत्र में भाग ले रहा है। यह सत्र 8 जुलाई, 2024 से शुरू हुआ है और 12 जुलाई, 2024 तक जारी रहेगा, जिसमें भविष्य के वैश्विक समुद्री परिचालन के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों और प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक हित वाले के साथ आईएमओ परिषद के एक निर्वाचित सदस्य भारत ने नाविकों के परित्याग के तत्काल मुद्दे पर जोर दिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 292 भारतीय समुद्री नाविकों से जुड़े 44 सक्रिय मामले हैं, जिससे स्पष्ट हुआ कि वैश्विक समुद्री श्रमिकों की सुरक्षा के लिए मजबूत उपायों की आवश्यकता है। नाविकों के मुद्दों को निरंतर संबोधित करने की अपनी प्रतिबद्धता के कारण भारत ने संयुक्त त्रिपक्षीय कार्य समूह में आईएमओ का प्रतिनिधित्व करने वाली आठ सरकारों में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है। यह समूह नाविकों के मुद्दों और समुद्री संचालन में मानवीय मुद्दों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए समर्पित है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने लाल सागर, अदन की खाड़ी और आस-पास के क्षेत्रों में शिपिंग और व्यापार माल-ढुलाई को प्रभावित करने वाले व्यवधानों पर भी चिंता व्यक्त की। समुद्री सुरक्षा और संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, प्रतिनिधिमंडल ने दो महत्वपूर्ण घटनाओं का हवाला दिया, जहाँ भारतीय नौसेना ने सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया। इनमें मार्शल द्वीप के झंडे वाले कच्चे तेल वाहक, एमवी मार्लिन लुआंडा का बचाव और सोमालिया के तट से जहाज एमवी रुएन को रोक कर चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई और समुद्री डकैती के खतरों से प्रभावी ढंग से निपटा गया।
भारत ने सतत समुद्री परिवहन के लिए दक्षिण एशियाई उत्कृष्टता केंद्र (SACE-SMarT) के लिए अपना प्रस्ताव दोहराया। इस क्षेत्रीय हब का उद्देश्य यह है कि भारत और दक्षिण एशिया में समुद्री क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और डिजिटल रूप से कुशल उद्योग में बदलना है। केंद्र का मुख्य ध्यान हरित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, तकनीकी सहयोग, क्षमता निर्माण और डिजिटल संकलन को प्रोत्साहित करने पर होगा। टी.के. रमचंद्रन ने कहा, “भारत नाविकों के परित्याग के मुद्दे को हल करने तथा हमारे समुद्री कार्यबल की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ”
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