भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मार्च 2025 को म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग से बात की और विनाशकारी भूकंप के बाद भारत की मानवीय सहायता का आश्वासन दिया। इस बातचीत से कुछ घंटे पहले ही भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया था, जिसका उद्देश्य आपदा राहत, खोज और बचाव अभियान, तथा चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। रिपोर्टों के अनुसार, इस भूकंप में अब तक 1,000 से अधिक लोग मारे गए, जबकि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की है कि अब तक किसी भारतीय नागरिक की मृत्यु की सूचना नहीं मिली है।

भारत की त्वरित प्रतिक्रिया – ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार में जानमाल की क्षति पर गहरा शोक व्यक्त किया और म्यांमार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने भारत की निकटतम पड़ोसी और मित्र के रूप में भूमिका को दोहराया और आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, और खोज एवं बचाव दलों की त्वरित तैनाती सुनिश्चित की।

प्रारंभिक राहत अभियान

  • शनिवार सुबह भारतीय वायु सेना (IAF) का C-130 विमान हिंडन एयरबेस से रवाना हुआ और यांगून में उतरा, जिसमें आवश्यक राहत सामग्री थी।

  • इसके बाद दो और IAF विमानों ने अतिरिक्त राहत सामग्री पहुंचाई।

  • भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में एक फील्ड अस्पताल स्थापित करने की घोषणा की गई, जिससे पीड़ितों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिलेगी।

विदेश मंत्रालय (MEA) का बयान

भारत – ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका

MEA के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि भारत संकट के समय ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने 2024 में म्यांमार में आए चक्रवात यागी के दौरान भारत की सहायता को भी याद किया और आश्वासन दिया कि भारत इस आपदा में भी पूर्ण समर्थन देगा।

म्यांमार में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा

  • MEA ने पुष्टि की कि अब तक किसी भी भारतीय नागरिक की मृत्यु की खबर नहीं है।

  • म्यांमार में लगभग 50,000-60,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जबकि भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या लगभग 20 लाख है।

  • भारतीय सरकार भारतीय समुदाय संगठनों से लगातार संपर्क में है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

भारतीय सेना और नौसेना की तैनाती

फील्ड अस्पताल की स्थापना

  • आगरा से एक पूर्ण सुसज्जित फील्ड अस्पताल भेजा गया है।

  • यह अस्पताल पहले फरवरी 2023 में ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की में तैनात किया गया था।

  • लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में 118 मेडिकल स्टाफ इस अभियान में शामिल हैं।

  • अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे और डेंटल सुविधाएं, महिला अधिकारियों की चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

भारतीय नौसेना की सहायता

  • चार नौसैनिक जहाजों को HADR (मानवीय सहायता और आपदा राहत) ऑपरेशन के लिए तैयार रखा गया है।

  • यांगून बंदरगाह तक समुद्री मार्ग से 50 टन राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

राहत वितरण में आने वाली चुनौतियां

म्यांमार की राजनीतिक स्थिति

  • 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद, म्यांमार में सैन्य शासन और जातीय सशस्त्र संगठनों (EAOs) के बीच संघर्ष जारी है।

  • भूकंप से प्रभावित सगाइंग क्षेत्र (Sagaing Region) का बड़ा हिस्सा EAOs के नियंत्रण में है, जिससे राहत वितरण चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

  • MEA प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, “हम अपनी राहत और बचाव सहायता को म्यांमार सरकार के माध्यम से संचालित कर रहे हैं।”

स्थलीय मार्ग की कठिनाइयाँ

  • वर्तमान में राहत अभियान हवाई और समुद्री मार्गों के माध्यम से संचालित हो रहा है।

  • मणिपुर और मिजोरम से जमीनी मार्गों के उपयोग पर विचार किया जा सकता है, लेकिन ये क्षेत्र भी विद्रोही संगठनों के नियंत्रण में हैं।

भूकंप से बढ़ता नुकसान और आगे की राह

  • अब तक म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,644 तक पहुंच गई है, जबकि सैकड़ों लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय राहत दल भी बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं।

भारत की दीर्घकालिक सहायता प्रतिबद्धता

  • भारत ने म्यांमार के पुनर्निर्माण कार्यों में दीर्घकालिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।

  • आने वाले दिनों में और अधिक राहत सामग्री, चिकित्सा दल, और इंजीनियरिंग इकाइयाँ भेजी जाएंगी ताकि प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण में मदद मिल सके।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ भारत के ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighborhood First) नीति का एक मजबूत उदाहरण है। भारत म्यांमार को इस कठिन समय में हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और आपदा प्रबंधन में अपनी तत्परता और मानवीय दृष्टिकोण को प्रदर्शित कर रहा है।

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vikash

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