समावेशी शासन और अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, जनजातीय मामलों के मंत्रालय (MoTA) ने धरती आबा जनभागीदारी अभियान शुरू किया है, जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा आदिवासी सशक्तिकरण अभियान है। इस पहल का उद्देश्य 549 आदिवासी जिलों, 2,900 से अधिक ब्लॉकों और 207 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) बहुल जिलों में सरकारी लाभों को पहुंचाना है, जिसमें लगभग 1 लाख गाँव और बस्तियाँ शामिल हैं। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री जुएल ओराम ने इसे अंत्योदय और विकसित भारत के सपने को साकार करने में एक प्रमुख मील का पत्थर बताया।
15 जून 2025 को जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) द्वारा शुरू किया गया “धरतीआबा जनभागीदारी अभियान” भारत का अब तक का सबसे बड़ा जनजातीय सशक्तिकरण अभियान है।
इसका उद्देश्य है — 549 जनजातीय जिलों, 2,900+ ब्लॉकों, और 207 अति संवेदनशील जनजातीय समूह (PVTG) केंद्रित जिलों के लगभग 1 लाख गांवों और बस्तियों में सरकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ पहुँचाना।
यह अभियान 30 जून 2025 तक चलेगा और प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान (PM-JANMAN) तथा धरतीआबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) के क्रियान्वयन को समर्थन देगा।
जनजातीय क्षेत्रों में योजनाओं की संतृप्ति (सभी लाभार्थियों तक लाभ पहुँचाना)
जनजातीय परिवारों को घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करना
शासन में जनभागीदारी (People’s Participation) को बढ़ावा देना
जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत आदिवासी विरासत को सम्मान देना
विकसित भारत और अंत्योदय के दृष्टिकोण को साकार करना
549 जनजातीय जिले
207 PVTG केंद्रित जिले
2,900+ ब्लॉक
लगभग 1 लाख गांव/बस्तियाँ
जिला कलेक्टर, पंचायत प्रतिनिधि, सामुदायिक नेता और विभिन्न मंत्रालयों की भागीदारी
आधार कार्ड बनवाना और अपडेट कराना
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड जारी करना
जन धन योजना के तहत बैंक खाता खोलना
पीएम-किसान योजना में पंजीकरण
वृद्धावस्था और विधवा पेंशन योजनाएं
जनजातीय छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां
जीवन और दुर्घटना बीमा योजनाएं
कौशल प्रशिक्षण और आजीविका कार्यक्रम
गांव स्तर पर कैंप आधारित मॉडल
जिला कलेक्टर/उपायुक्तों द्वारा पूर्व-अभियान तैयारी
पंचायती राज संस्थानों की भागीदारी से जागरूकता अभियान
स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय
प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान (PM-JANMAN)
धरतीआबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)
यह अभियान भारत के जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल है।
यह आदिवासी संस्कृति का सम्मान करते हुए, नीति, सेवा और जन सहभागिता को एक मंच पर लाता है।
इसका उद्देश्य है कि कोई भी जनजातीय परिवार पीछे न छूटे।
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…
भारत विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है।…
भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…