भारत-किर्गिस्तान संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर-XII

भारत-किर्गिस्तान संयुक्त विशेष बल अभ्यास “खंजर-XII” का 12वां संस्करण 10 मार्च से 23 मार्च 2025 तक किर्गिस्तान में आयोजित किया जाएगा। 2011 में शुरू हुए इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाना और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करना है।

अभ्यास “खंजर” का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

खंजर सैन्य अभ्यास की शुरुआत 2011 में भारत और किर्गिस्तान के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए हुई थी। यह अभ्यास हर साल बारी-बारी से दोनों देशों में आयोजित किया जाता है, जिससे विशेष बलों को अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलता है।

पिछला संस्करण “खंजर-XI” जनवरी 2024 में भारत में आयोजित किया गया था। इस निरंतर अभ्यास से दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों और विश्वास को बल मिलता है।

अभ्यास में भाग लेने वाली टुकड़ियां

  • भारत: पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) – जो आतंकवाद-रोधी अभियानों और उच्च ऊंचाई वाले युद्धों में विशेषज्ञता रखती है।
  • किर्गिस्तान: “किर्गिज़ स्कॉर्पियन ब्रिगेड” – विशेष अभियानों और पर्वतीय युद्ध में निपुण इकाई।

“खंजर-XII” के प्रमुख उद्देश्य एवं फोकस क्षेत्र

इस सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियानों (Counter-Terrorism) और विशेष बल अभियानों (Special Forces Missions) के अनुभवों का आदान-प्रदान करना है।

मुख्य फोकस क्षेत्र:

  • आतंकवाद-रोधी अभियान – शहरी और पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवादी खतरों को निष्प्रभावी करने का प्रशिक्षण।
  • विशेष बल कौशल – स्नाइपिंग, जटिल भवनों में घुसपैठ और पर्वतीय युद्ध रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • उच्च ऊंचाई युद्ध प्रशिक्षण – किर्गिज़स्तान के भूगोल को ध्यान में रखते हुए सैनिकों की सहनशक्ति और ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाने पर जोर।
  • संयुक्त रणनीति और निष्पादन – दोनों सेनाओं द्वारा यथार्थवादी विशेष अभियानों का अभ्यास किया जाएगा जिससे समन्वय और अंतर-संचालन क्षमता में सुधार होगा।

सैन्य एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना

इस अभ्यास में केवल सैन्य प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी शामिल होगा, जिससे भारत और किर्गिस्तान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध और गहरे होंगे।

प्रमुख सांस्कृतिक पहलू:

  • “नवरोज़” उत्सव का आयोजन – मध्य एशिया का एक महत्वपूर्ण पर्व जो नए आरंभ और एकता का प्रतीक है।
  • यह कार्यक्रम सैन्यकर्मियों के बीच मैत्री और आपसी समझ को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

“खंजर-XII” का रणनीतिक महत्व

यह अभ्यास दोनों देशों के लिए अत्यधिक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वैश्विक आतंकवाद, चरमपंथ और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे साझा मुद्दों को संबोधित करने में मदद करेगा।

प्रमुख लाभ:

  • संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने की सैन्य तैयारियों को मजबूत करेगा।
  • भारत-किर्गिस्तान के रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा।
  • आतंकवाद विरोधी रणनीतियों को मजबूत कर क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाएगा।
  • विशेष बलों के बीच सामरिक ज्ञान और अनुभवों के आदान-प्रदान को सुगम बनाएगा।

यह सैन्य अभ्यास भारत और किर्गिस्तान के रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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vikash

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