भारत ने वन्यजीव संरक्षण में अपनी वैश्विक नेतृत्व भूमिका को एक बार फिर सिद्ध किया है, जब उसने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) की पहली महासभा का आयोजन नई दिल्ली में किया। इस ऐतिहासिक आयोजन की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने की, जिसमें नौ देशों के मंत्रीस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया। यह महासभा सात प्रमुख बड़ी बिल्ली प्रजातियों — बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जैगुआर और प्यूमा — की रक्षा के लिए एक वैश्विक सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई।
नई दिल्ली में इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) की पहली महासभा आयोजित हुई।
यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आधारित है, जिनकी Project Tiger की 50वीं वर्षगांठ पर IBCA की घोषणा की गई थी।
इस महासभा में संगठन की बुनियादी संरचना, नियमावली और नेतृत्व की औपचारिक स्थापना की गई।
मार्च 2024 में भारत द्वारा शुरू की गई एक वैश्विक पहल।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के तत्वावधान में गठित।
यह उन 95 देशों को शामिल करता है जहाँ बड़ी बिल्लियाँ प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं।
दुनिया भर में बड़ी बिल्लियों की घटती आबादी को रोकना।
संरक्षण प्रयासों को सहयोग, ज्ञान साझाकरण और वित्तीय/तकनीकी सहायता के माध्यम से मजबूत करना।
इन शीर्ष शिकारी प्रजातियों के लिए आवश्यक आवासों और पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा करना।
भूपेंद्र यादव को सर्वसम्मति से IBCA के अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
एस.पी. यादव को महानिदेशक नियुक्त किया गया।
निम्न प्रमुख दस्तावेजों को अनुमोदन मिला:
भारत के साथ मुख्यालय समझौता (Headquarters Agreement)
कार्ययोजना (Workplan)
प्रक्रियात्मक नियम (Rules of Procedure)
वित्तीय विनियम (Financial Regulations)
नौ देशों ने अपनी भागीदारी की फिर से पुष्टि की:
भूटान, कंबोडिया, एस्वातिनी, गिनी, भारत, लाइबेरिया, सूरीनाम, सोमालिया और कज़ाकिस्तान।
बाघ (Tiger)
शेर (Lion)
तेंदुआ (Leopard)
हिम तेंदुआ (Snow Leopard)
चीता (Cheetah)
जैगुआर (Jaguar)
प्यूमा (Puma)
भारत ने Project Tiger, Project Lion, और अब Project Cheetah जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए वैश्विक संरक्षण प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है।
IBCA का उद्देश्य है:
बहुपक्षीय पर्यावरणीय सहयोग का एक उदाहरण बनना।
जैव विविधता संरक्षण की वैश्विक प्राथमिकता को रेखांकित करना।
पर्यावरणीय शिक्षा, इकोटूरिज़्म और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना।
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