तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भारत के पहले कांच के पुल (ग्लास ब्रिज) का उद्घाटन किया, जो कन्याकुमारी में स्थित है। यह पुल विवेकानंद रॉक मेमोरियल और 133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ता है, जिससे कन्याकुमारी एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में और अधिक आकर्षक बन गया है। तमिलनाडु सरकार द्वारा 37 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत निर्मित, यह कांच का पुल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और स्थानीय पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। यह परियोजना तिरुवल्लुवर प्रतिमा के अनावरण की रजत जयंती के अवसर पर शुरू की गई थी, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने स्थापित किया था। यह पुल घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनने की उम्मीद है।
कांच के पुल की मुख्य विशेषताएं
उद्घाटन का विवरण
- तारीख: 30 दिसंबर, 2024
- उद्घाटनकर्ता: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन
- अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
- उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन
- डीएमके सांसद कनिमोझी
स्थान और संपर्क
- स्थान: कन्याकुमारी, तमिलनाडु
- जुड़ाव:
- विवेकानंद रॉक मेमोरियल
- तिरुवल्लुवर प्रतिमा (133 फीट ऊंचा स्मारक)
- परिवर्तन: पुल ने दोनों स्थलों के बीच चलने वाले फेरी सेवा को एक आरामदायक वॉकवे में बदल दिया।
डिजाइन और आयाम
- लंबाई: 77 मीटर
- चौड़ाई: 10 मीटर
- डिजाइन: बो-स्ट्रिंग-आर्च डिजाइन, जो सौंदर्य और स्थायित्व प्रदान करता है।
- कांच की सतह: पारदर्शी, जो समुद्र के अद्भुत दृश्य और समुद्र के ऊपर चलने का अनुभव प्रदान करती है।
पुल की विशिष्टताएँ
- समुद्री-ग्रेड टिकाऊपन: खारे पानी, उच्च आर्द्रता और तटीय क्षरण जैसी कठोर परिस्थितियों का सामना करने के लिए निर्मित।
- सुलभता में वृद्धि: फेरी सेवा पर निर्भरता कम करके, तेज और अधिक सुविधाजनक यात्रा विकल्प प्रदान करता है।
- सांस्कृतिक और सौंदर्य अपील: तमिलनाडु की विरासत का उत्सव मनाते हुए ऐतिहासिक स्मारकों को जोड़ता है, जो पारंपरिक संस्कृति और आधुनिक वास्तुकला का संगम है।
आर्थिक और विकासात्मक लाभ
- तमिलनाडु सरकार की 37 करोड़ रुपये की पर्यटन पहल का हिस्सा।
- स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देकर, आतिथ्य उद्योग को लाभ पहुंचाने और रोजगार के अवसर पैदा करने की उम्मीद।
निर्माण के दौरान चुनौतियाँ
- पर्यावरणीय परिस्थितियाँ: निर्माण के दौरान ऊंची लहरों और उच्च आर्द्रता ने कठिनाइयाँ पैदा कीं।
- निर्माण तकनीक: दीर्घकालिक संरचनात्मक मजबूती और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग।
| समाचार का कारण | भारत को कन्याकुमारी में पहला कांच का पुल मिला |
| परियोजना का नाम | भारत का पहला कांच का पुल |
| स्थान | कन्याकुमारी, तमिलनाडु |
| उद्घाटनकर्ता | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन |
| परियोजना की लागत | 37 करोड़ रुपये |
| प्रमुख गणमान्य व्यक्ति | उदयनिधि स्टालिन, कनिमोझी |
| जुड़ाव | विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर प्रतिमा |
| लंबाई | 77 मीटर |
| चौड़ाई | 10 मीटर |
| डिज़ाइन | बो-स्ट्रिंग-आर्च डिज़ाइन |
| मुख्य विशेषताएँ | पारदर्शी कांच की सतह, समुद्री-ग्रेड स्थायित्व |
| चुनौतियाँ | ऊँची लहरें, उच्च आर्द्रता, और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ |
| आर्थिक लाभ | स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा, बेहतर पहुंच प्रदान करता है |
| सांस्कृतिक महत्व | तिरुवल्लुवर प्रतिमा की रजत जयंती का प्रतीक |


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