बढ़ते बाहरी खतरों के मद्देनजर नागरिक तत्परता को मजबूत करने के लिए, गृह मंत्रालय ने 7 से 9 मई, 2025 तक देशव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास शुरू किया है। इस कार्यक्रम में 244 जिलों में हवाई हमले का अनुकरण, ब्लैकआउट अभ्यास और निकासी पूर्वाभ्यास शामिल होंगे।
संभावित बाहरी खतरों के खिलाफ राष्ट्रीय तैयारियों को मजबूत करने के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई से 9 मई, 2025 तक गहन नागरिक सुरक्षा अभ्यास आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस राष्ट्रव्यापी अभ्यास का उद्देश्य घातक पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच, विशेष रूप से 244 संवेदनशील जिलों में हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट अभ्यास और नागरिक निकासी सहित शत्रुतापूर्ण हमले के परिदृश्यों का अनुकरण करना है।
चर्चा में क्यों?
गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के जवाब में बड़े पैमाने पर नागरिक सुरक्षा पहल शुरू की है , जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। नागरिक तैयारियों पर सरकार का ध्यान सीमा पार शत्रुता बढ़ने के बीच निष्क्रिय रक्षा क्षमताओं और नागरिक जागरूकता को बढ़ाने की व्यापक राष्ट्रीय रणनीति को दर्शाता है।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
- 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए, जिससे भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ गया।
- इस हमले के बाद भारत की ओर से कड़ी जवाबी और कूटनीतिक प्रतिक्रिया हुई, जिसमें सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करना और पाकिस्तानी वीजा रद्द करना शामिल था।
नागरिक सुरक्षा अभ्यास की मुख्य जानकारी
- तिथियाँ: 7–9 मई, 2025
- कार्यक्षेत्र: जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती गांवों सहित 244 वर्गीकृत जिलों में अभ्यास आयोजित किया जाएगा।
- प्रतिभागी: नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय, राज्य पुलिस, एनसीसी, एनवाईकेएस और स्कूल/कॉलेज के छात्रों के 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक।
नागरिक सुरक्षा गतिविधियों में शामिल हैं
- हवाई हमले के सायरन और क्रैश ब्लैकआउट अभ्यास
- महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाना
- निकासी योजना और मॉक ड्रिल
- भारतीय वायु सेना के साथ आपातकालीन हॉटलाइन की स्थापना
- बंकर और खाई रखरखाव
- नियंत्रण कक्ष सक्रियण और वार्डन सेवाएं
महत्व
- भारत की निष्क्रिय रक्षा रणनीति को मजबूत करता है, जिस पर पहली बार चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान जोर दिया गया था।
- राष्ट्रीय आपातस्थिति या बाहरी आक्रमण की स्थिति में जन जागरूकता और लचीलापन बढ़ाता है।
- सीमा पार शत्रुता के वर्तमान भू-राजनीतिक संदर्भ में अंतिम-मील की तैयारी को सुदृढ़ करता है।
- इस नागरिक सुरक्षा प्रयास पर पहले हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित 2022 चिंतन शिविर में चर्चा की गई थी।
हाल के उपाय
- 1 मई, 2025 को जम्मू के अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास सुरक्षा अभ्यास आयोजित किया गया।
- 4 मई, 2025 को पंजाब के फिरोजपुर जिले में 30 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया।
- राष्ट्रीय सुरक्षा समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा सचिव और एनएसए अजीत डोभाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
सारांश/स्थैतिक | विवरण |
चर्चा में क्यों? | पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के लिए तैयार |
आयोजन | भारत भर में नागरिक सुरक्षा अभ्यास |
चालू कर देना | 22 अप्रैल पहलगाम आतंकी हमला (26 मरे) |
खजूर | 7 मई से 9 मई, 2025 |
द्वारा आयोजित | गृह मंत्रालय |
प्रतिभागियों | 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक, एनसीसी, एनवाईकेएस, छात्र |
गतिविधियाँ | हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट अभ्यास, निकासी योजना, इमारतों को छिपाना |
कवर किए गए राज्य | सभी राज्यों में 244 संवेदनशील जिलों पर विशेष ध्यान |
उद्देश्य | निष्क्रिय रक्षा और नागरिक तैयारी को बढ़ाना |