रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 सितंबर 2025 को मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया से ‘समुद्र प्रदक्षिणा’—विश्व का पहला ऑल-वुमन त्रि-सेवा (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) परिक्रमा नौकायन अभियान—को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह मिशन नारी शक्ति, त्रि-सेवा सहयोग और आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है।
अवधि: 9 महीने
पोत: आईएएसवी त्रिवेणी (50 फुट लंबा, स्वदेशी रूप से निर्मित भारतीय थलसेना नौकायन पोत)
मार्ग: पूर्वी दिशा से विश्व परिक्रमा, लगभग 26,000 समुद्री मील
विशेष पड़ाव:
भूमध्य रेखा को दो बार पार करना
तीन महान केप पार करना:
केप लीविन (ऑस्ट्रेलिया)
केप हॉर्न (दक्षिण अमेरिका)
केप ऑफ गुड होप (दक्षिण अफ्रीका)
वापसी: मई 2026 तक मुंबई
यह विश्व की पहली ऑल-वुमन टीम है जिसने त्रि-सेना स्तर पर एक साथ एक ही पोत से परिक्रमा यात्रा आरंभ की है।
यह भारत की सैन्य सेवाओं की संयुक्तता और परिचालन तालमेल को दर्शाता है।
महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की पहल का हिस्सा।
रक्षा मंत्री सिंह ने इसे महिला सशक्तिकरण का जीवंत प्रतीक बताया।
आईएएसवी त्रिवेणी का पूर्णतः स्वदेशी निर्माण आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाता है।
भारत की समुद्री प्रौद्योगिकी और रक्षा लॉजिस्टिक्स क्षमता को प्रदर्शित करता है।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा – युवतियों को सेना और रोमांचक खेलों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
अंतरराष्ट्रीय समुद्री उपस्थिति – प्रमुख समुद्री मार्गों से गुजरते हुए भारत के शांति और सहयोग के मूल्यों को प्रचारित करेगा।
सैन्य प्रशिक्षण में वृद्धि – प्रतिभागी अधिकारियों को नेविगेशन, सहनशीलता, जीवित रहने की तकनीक और नेतृत्व का वास्तविक अनुभव मिलेगा।
‘समुद्र प्रदक्षिणा’: विश्व की पहली ऑल-वुमन त्रि-सेवा परिक्रमा नौकायन यात्रा
प्रस्थान: 12 सितंबर 2025, गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई
पोत: आईएएसवी त्रिवेणी, 50 फुट स्वदेशी नौका
अवधि: 9 महीने, दूरी: 26,000 समुद्री मील
मार्ग: भूमध्य रेखा 2 बार पार, केप लीविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप का चक्कर
वापसी: मई 2026, मुंबई
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