भारत 2025 में वैश्विक एआई युद्धक्षेत्र के रूप में उभरेगा

भारत वैश्विक एआई दौड़ का अग्रणी केंद्र बनता जा रहा है, जहाँ 1.4 अरब की आबादी वाले बाजार को लेकर दिग्गज टेक कंपनियाँ वर्चस्व की जंग लड़ रही हैं। ताज़ा कदम में ओपनएआई (OpenAI) ने भारत में अपनी इकाई स्थापित करने और इस साल नई दिल्ली में पहला कार्यालय खोलने की घोषणा की है। साथ ही, ₹399/माह की सस्ती योजना ‘ChatGPT Go’ लॉन्च कर, ओपनएआई ने देश में एआई मूल्य युद्ध (Price War) छेड़ दिया है।

भारत में ओपनएआई की पहल

स्थानीयकरण और सुलभता

  • ChatGPT Go: ₹399 प्रति माह, UPI इंटीग्रेशन के साथ

  • वैश्विक दरों से कहीं सस्ता (ChatGPT Plus ₹1,999/माह, Pro ₹19,900/माह)

  • GPT-5 तक पहुंच और फ्री टियर से 10 गुना अधिक उपयोग

भारत के लिए, भारत के साथ

  • सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा कि भारत तकनीकी प्रतिभा, डेवलपर इकोसिस्टम और IndiaAI मिशन के सरकारी सहयोग के कारण वैश्विक दक्षिण (Global South) में एआई अपनाने का टेस्टबेड है।

  • यहां की सफलता भविष्य में वैश्विक मॉडल तय कर सकती है।

शिक्षा और भाषा पहल

  • GPT-5 में भारतीय भाषाओं का विस्तार

  • छात्रों के लिए नया Study Mode

  • OpenAI Academy (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के साथ साझेदारी) → एआई साक्षरता बढ़ाने की पहल

एआई मूल्य युद्ध: भारत का “जियो मोमेंट”

जैसे जियो ने दूरसंचार बाजार को बदला, वैसे ही ओपनएआई का यह कदम एआई क्षेत्र को बदल सकता है।

  • गूगल जेमिनी प्रीमियम: ₹1,950/माह

  • पर्प्लेक्सिटी एआई: एयरटेल साझेदारी, ₹17,000/वर्ष की योजना मुफ़्त

  • एक्सएआई (एलन मस्क का सुपरग्रो्क): ₹700/माह

  • ग्रामरली: घटाकर ₹250/माह

  • छात्रों के लिए गूगल का जेमिनी प्रो मुफ़्त

नतीजा: अधिक विकल्प, कम दाम, तेज़ नवाचार

भारतीय एआई स्टार्टअप्स पर असर

  • स्वदेशी खिलाड़ी: कृतिम, सर्वम एआई, भारतजीपीटी

  • क्षेत्रीय विशेषज्ञ: क्योर.एआई (स्वास्थ्य), निरामई (हेल्थ-टेक), मैड स्ट्रीट डेन (फैशन), येलो.एआई (कस्टमर सपोर्ट)

  • चुनौती: वैश्विक दिग्गजों की सस्ती व शक्तिशाली सेवाएँ और शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने की क्षमता

  • संभावना: सहयोग की ओर रुख करना, न कि सीधी प्रतिस्पर्धा

भू-राजनीतिक आयाम

  • चीन एआई पर कड़े नियंत्रण लगा रहा है, अमेरिका भी उसकी प्रगति को लेकर सतर्क है।

  • इस परिप्रेक्ष्य में भारत का खुला और लोकतांत्रिक ढांचा एआई विकास के लिए वैकल्पिक ध्रुव बनाता है।

  • इससे भारत वैश्विक कंपनियों को आकर्षित कर सकता है और IndiaAI मिशन के तहत अपनी संप्रभु एआई महत्वाकांक्षा भी आगे बढ़ा सकता है।

सरकारी समर्थन और दृष्टि

  • IndiaAI मिशन: विश्वासयोग्य, समावेशी और टिकाऊ एआई पर जोर

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: 2047 तक भारत को “वैश्विक एआई हब” बनाने की परिकल्पना

  • एआई को शासन सुधार और आर्थिक विकास का इंजन माना गया है — जैसे हाईवे, रेलवे आधुनिकीकरण और ग्रामीण इंटरनेट विस्तार में

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vikash

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