भारत–चीन संबंधों में नरमी: एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और शी चिनफिंग की मुलाक़ात

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने तियानजिन (चीन) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान 10 महीने बाद आमने-सामने मुलाक़ात की। यह उच्च-स्तरीय संवाद दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सहयोग को पुनर्जीवित करने का संकेत देता है, विशेषकर 2020 के गलवान संघर्ष के बाद लंबे समय से जारी तनाव की पृष्ठभूमि में। प्रत्यक्ष उड़ानों की बहाली से लेकर सीमा व्यापार और पर्यटन खोलने तक, यह वार्ता वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक बदलाव का संकेत देती है।

1. नये द्विपक्षीय संकल्प

  • दोनों नेताओं ने रूस में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के बाद से संबंधों में आई “सकारात्मक प्रगति” का स्वागत किया।

  • यह रेखांकित किया कि भारत और चीन साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं, और मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।

2. प्रत्यक्ष उड़ानें फिर शुरू होंगी

  • प्रधानमंत्री मोदी ने पुष्टि की कि भारत और चीन के बीच प्रत्यक्ष उड़ानें जल्द ही शुरू होंगी, हालांकि तिथि घोषित नहीं की गई।

  • कोविड-19 के बाद यह कदम आपसी विश्वास को मज़बूत करने वाला माना जा रहा है।

3. तीर्थयात्रा और पर्यटन का पुनःआरंभ

  • वार्ता में कैलाश मानसरोवर यात्रा और पर्यटक वीज़ा जारी करने पर सहमति बनी, जिन्हें महामारी के दौरान रोक दिया गया था।

  • हाल ही में भारत ने चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा जारी करना फिर से शुरू किया है, जिसका जवाबी कदम बातचीत में शामिल रहा।

4. रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक सहयोग

  • पीएम मोदी ने रणनीतिक स्वायत्तता पर ज़ोर दिया और कहा कि संबंधों को किसी “तीसरे देश के दृष्टिकोण” से नहीं देखा जाना चाहिए।

  • दोनों नेताओं ने आतंकवाद, निष्पक्ष व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर बहुपक्षीय मंचों के ज़रिए सहयोग करने पर सहमति जताई।

5. गलवान के बाद सामंजस्य

  • 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद रिश्ते बिगड़े थे, लेकिन सीमा पर लगातार हुए विघटन (disengagement) से अग्रिम क्षेत्रों में शांति लौट आई है।

  • नेताओं ने दोहराया कि सीमा विवादों को व्यापक संबंधों की परिभाषा नहीं बनने देना चाहिए।

6. ग्लोबल साउथ पर साझा ध्यान

  • राष्ट्रपति शी ने ग्लोबल साउथ में भारत–चीन की भूमिका को रेखांकित किया और दोनों देशों की जनता के कल्याण हेतु सहयोग पर बल दिया।

7. बेहतर संबंधों के आर्थिक निहितार्थ

  • भारतीय ईवी क्षेत्र, जो चीनी निवेश और तकनीक से लाभ उठा सकता है।

  • चीनी निर्यात, जिसे भारत के विशाल उपभोक्ता बाज़ार तक पहुंच मिलेगी।

  • रेयर अर्थ खनिजों की आपूर्ति, जहां चीन भारत की औद्योगिक ज़रूरतों को समर्थन देगा।

8. सीमा व्यापार का पुनःआरंभ

  • दोनों देशों ने सीमा व्यापार को फिर खोलने पर सहमति जताई, जिसे 2020 के बाद बाधित कर दिया गया था।

  • इसे शुल्क तनाव (tariff tensions) के बीच व्यापार विविधीकरण के लिए अहम कदम माना जा रहा है।

9. अमेरिका के साथ तनाव के बीच कूटनीतिक बदलाव

  • अमेरिका–भारत साझेदारी में ट्रंप-युग के शुल्कों (tariffs) से तनाव आया है।

  • चीन से भारत की निकटता अमेरिकी विदेश नीति को चुनौती दे सकती है, खासकर जब अमेरिका दशकों से एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सहयोग को सीमित करने की कोशिश करता रहा है।

10. प्रतीकात्मकता और संदेश

  • यह मुलाक़ात केवल नीतिगत ही नहीं बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण रही—जिसमें संघर्ष पर कूटनीति को वरीयता दी गई।

  • मोदी और शी का सहयोग पर संयुक्त ज़ोर हाल के भू-राजनीतिक टकरावों से बिल्कुल अलग संदेश देता है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत में कॉफी बागान: वैश्विक रैंक, क्षेत्र, इतिहास, आवश्यकताएँ और महत्व

भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…

12 mins ago

सिंगापुर चांगी एयरपोर्ट ने 2025 का दुनिया के सबसे अच्छे एयरपोर्ट का खिताब जीता

सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक विमानन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित…

28 mins ago

पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरा WHO ग्लोबल समिट नई दिल्ली में शुरू

द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…

39 mins ago

नरपुह वन्यजीव अभयारण्य: संरक्षण चुनौतियाँ और पारिस्थितिक महत्व

हाल ही में वैज्ञानिकों और संरक्षण विशेषज्ञों ने नरपुह (Narpuh) वन्यजीव अभयारण्य को लेकर गंभीर…

3 hours ago

फीफा बेस्ट फुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 में विजेताओं की सूची

फीफा बेस्ट फ़ुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन दोहा, क़तर में किया गया, जहाँ पिछले वर्ष…

3 hours ago

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2025: भारत में संविधान, नीतियां और जागरूकता

भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2025, जो 18 दिसंबर को मनाया जाता है, सभी नागरिकों…

4 hours ago