भारत ने गहरे समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र के बेहतर पूर्वानुमान और समझ के लिए क्षेत्र-विशिष्ट महासागर अवलोकन केंद्र स्थापित करने का आह्वान किया है। पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित 2024 महासागर दशक सम्मेलन में ये अवलोकन प्रस्तुत किए। स्पैनिश सरकार और यूनेस्को के अंतर सरकारी महासागरीय आयोग द्वारा आयोजित सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र महासागर विज्ञान दशक (2021-2030) के लक्ष्यों की दिशा में प्रगति का आकलन करना और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।
जनवरी 2021 में संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र महासागर विज्ञान दशक (2021-2030) का शुभारंभ किया था। महासागर दशक पहल का उद्देश्य दुनिया भर में सरकारों, अनुसंधान संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, व्यापारिक समुदायों इत्यादि जैसे हितधारकों को विज्ञान-आधारित नीतियों के निर्माण में शामिल होने और सहयोग करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना था।
प्रशान्त महासागर अमेरिका और एशिया को पृथक करता है। यह विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा महासागर है।
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