भारत ने फिलिस्तीन के दो-राज्य समाधान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का समर्थन किया

भारत ने फ़िलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित “न्यूयॉर्क घोषणा” के पक्ष में मतदान किया। यह प्रस्ताव 12 सितम्बर 2025 को पारित हुआ, जिसमें 142 देशों ने समर्थन किया, 10 ने विरोध और 12 ने मतदान से दूरी बनाई।

यह कदम इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष पर भारत की दीर्घकालिक नीति को पुनः पुष्ट करता है—एक स्वतंत्र, संप्रभु और व्यवहार्य फ़िलिस्तीन का निर्माण, जो सुरक्षित इज़रायल के साथ मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर शांति से सह-अस्तित्व करे।

प्रस्ताव से जुड़ी प्रमुख बातें

  • प्रस्ताव का नाम: न्यूयॉर्क घोषणा

  • प्रस्तुतकर्ता देश: फ्रांस और सऊदी अरब

  • उद्देश्य: दो-राष्ट्र समाधान के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को दोहराना

मतदान परिणाम:

  • समर्थन में: 142 देश (भारत सहित)

  • विरोध में: 10 देश (अमेरिका सहित)

  • अनुपस्थित/तटस्थ: 12 देश

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे मध्य-पूर्व में शांति की ओर अपरिवर्तनीय मार्ग बताया।

भारत की स्थिति

भारत हमेशा से मानता आया है कि इज़रायल-फ़िलिस्तीन विवाद का एकमात्र व्यावहारिक समाधान दो-राष्ट्र नीति है।

भारत की नीति के मुख्य पहलू:

  • एक स्वतंत्र और संप्रभु फ़िलिस्तीन का समर्थन

  • इज़रायल के शांतिपूर्ण और सुरक्षित जीवन के अधिकार को मान्यता

  • मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर वार्ता का समर्थन

  • दोनों देशों के साथ संतुलित कूटनीतिक संबंध

यह मतदान भारत की ऐतिहासिक स्थिति के अनुरूप है और शांति के लिए कूटनीति को मजबूती देता है।

अमेरिका का विरोध

अमेरिका ने इस प्रस्ताव को “प्रचार का हथकंडा” बताया और विरोध में मतदान किया।

अमेरिका के तर्क:

  • यह प्रस्ताव हमास को पुरस्कृत करता है

  • गाज़ा में पीड़ा समाप्त करने और बंधकों को छुड़ाने की कूटनीतिक कोशिशों को कमजोर करता है

  • यह भ्रामक, समय से पूर्व और राजनीतिक रूप से प्रेरित है

  • वास्तविक शांति केवल प्रत्यक्ष वार्ताओं से ही संभव है, न कि UN प्रस्तावों से

वैश्विक और क्षेत्रीय असर

  • समर्थन (142 देश): दो-राष्ट्र समाधान के लिए मज़बूत वैश्विक समर्थन दर्शाता है।

  • विरोध (10 देश, अमेरिका सहित): फ़िलिस्तीनी समूहों जैसे हमास को वैधता मिलने की आशंका।

  • अनुपस्थित/तटस्थ (12 देश): जटिल परिस्थितियों में सावधानीपूर्ण तटस्थता।

भारत के लिए यह मतदान उसकी छवि को फ़िलिस्तीनी राज्यत्व के स्थायी समर्थक के रूप में मजबूत करता है, जबकि इज़रायल के साथ उसके रणनीतिक संबंध (रक्षा, तकनीक, व्यापार) भी जारी रहेंगे।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • तिथि: 12 सितम्बर 2025

  • प्रस्ताव का नाम: न्यूयॉर्क घोषणा (Palestine Two-State Solution)

  • पारित करने वाला निकाय: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA)

  • मतदान परिणाम: 142 पक्ष में, 10 विरोध, 12 अनुपस्थित

  • भारत का रुख: पक्ष में मतदान (दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन)

  • प्रस्तावक देश: फ्रांस और सऊदी अरब

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

मेटा इंडिया ने अमन जैन को सार्वजनिक नीति का नया प्रमुख नियुक्त किया

मेटा इंडिया ने अमन जैन को अपना नया हेड ऑफ पब्लिक पॉलिसी नियुक्त करने की…

18 hours ago

Year Ender 2025: भारत में प्रमुख संवैधानिक संशोधन, कानून, फैसले और नियुक्तियाँ

साल 2025 भारत के संवैधानिक और शासन इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।…

19 hours ago

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा विधेयक (Atomic Energy Bill) को मंज़ूरी दे दी है, जो…

19 hours ago

दिसंबर 2025 में विदेशी मुद्रा भंडार एक अरब डॉलर बढ़कर 687.26 अरब डॉलर पर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पांच दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.03 अरब डॉलर बढ़कर…

19 hours ago

नवंबर में रिटेल महंगाई 0.71% पर पहुंची

भारत में खुदरा मुद्रास्फीति, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से मापा जाता है, अक्टूबर के…

19 hours ago

डाकघरों से भी कर सकेंगे म्यूचुअल फंड में निवेश, जानें कैसे

वित्तीय समावेशन को गहराई देने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत डाक विभाग…

20 hours ago