भारत ने खेल जगत में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025 का खिताब पहली बार अपने नाम किया। चेन्नई के एक्सप्रेस एवेन्यू मॉल में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने शीर्ष वरीयता प्राप्त हांगकांग को 3–0 से पराजित कर घरेलू दर्शकों के सामने शानदार प्रदर्शन किया। यह जीत भारतीय स्क्वैश के लिए एक मील का पत्थर है, जो वैश्विक स्तर पर इस खेल में भारत की बढ़ती मजबूती और निरंतर प्रगति को दर्शाती है।
WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप क्या है?
- WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय टीम टूर्नामेंट है जिसे वर्ल्ड स्क्वैश फेडरेशन (WSF) के तत्वावधान में आयोजित किया जाता है।
- इसमें टॉप स्क्वैश खेलने वाले देश हिस्सा लेते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं के सिंगल्स मैचों वाली टीम टाई में मुकाबला करते हैं।
- यह टूर्नामेंट स्क्वैश में सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजनों में से एक माना जाता है, जो न सिर्फ व्यक्तिगत उत्कृष्टता बल्कि टीम की गहराई और निरंतरता का भी परीक्षण करता है।
पृष्ठभूमि: वर्ल्ड कप में भारत का सफ़र
- इस एडिशन से पहले, भारत ने WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप में सिर्फ़ एक मेडल जीता था – 2023 में एक ब्रॉन्ज़ मेडल।
- इसलिए 2025 का टाइटल एक बड़ी छलांग है, क्योंकि भारत ने अपने पिछले सबसे अच्छे प्रदर्शन को गोल्ड में बदल दिया।
- भारत में स्क्वैश के एक मज़बूत सेंटर के तौर पर जाने जाने वाले शहर चेन्नई में इस इवेंट की मेज़बानी ने भी टीम के आत्मविश्वास और प्रदर्शन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
भारत की WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप जीत की मुख्य बातें
ऐतिहासिक पहला खिताब
- भारत ने अपना पहला WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप जीता, जो इस टूर्नामेंट के इतिहास में उसका दूसरा मेडल है।
- यह जीत 2023 में कांस्य पदक जीतने के बाद मिली है, जो तेजी से हुई प्रगति को दिखाती है।
फाइनल में क्लीन स्वीप
- भारत ने टूर्नामेंट की टॉप सीड हांगकांग को 3-0 से हरा दिया।
- तीनों भारतीय खिलाड़ियों ने बिना कोई टाई हारे, आसानी से अपने मैच जीत लिए।
व्यक्तिगत मैच प्रदर्शन
- जोशना चिनप्पा ने दुनिया की नंबर 27 खिलाड़ी का यी ली को चार गेम में हराया (7-3, 2-7, 7-5, 7-1)।
- अभय सिंह ने त्ज़ क्वान लाउ को सीधे गेम में हराया (7-1, 7-4, 7-4)।
- अनाहत सिंह ने मौजूदा एशियाई चैंपियन हो त्ज़े लोक पर दबदबा बनाया (7-2, 7-2, 7-5)।
घरेलू मैदान का फायदा
यह टूर्नामेंट चेन्नई में आयोजित किया गया था, जिससे खिलाड़ियों को दर्शकों का भरपूर समर्थन मिला और उनका मनोबल बढ़ा।
यह जीत भारत के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
- ओलंपिक की उम्मीदों को बढ़ावा: स्क्वैश लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 में पहली बार शामिल होगा, और यह जीत भारत के मेडल जीतने की संभावनाओं को मज़बूत करती है।
- नई पीढ़ी का उदय: टीनएज स्टार अनाहत सिंह भारत की मज़बूत टैलेंट पाइपलाइन का प्रतीक हैं और अनुभव (जोशना) और युवा (अनाहत) का मेल संतुलित विकास को दिखाता है।
- गैर-मुख्यधारा के खेलों को बढ़ावा: स्क्वैश को ज़्यादा पहचान मिलती है, जिससे ज़मीनी स्तर पर भागीदारी और प्राइवेट स्पॉन्सरशिप को बढ़ावा मिलता है।
- खेल कूटनीति और सॉफ्ट पावर: बैडमिंटन और टेनिस के साथ-साथ भारत को रैकेट खेलों में एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करता है।
स्क्वैश में भारत की बढ़ती ताकत
- पिछले एक दशक में, भारत ने बेहतर ट्रेनिंग सुविधाओं, प्रोफेशनल कोचिंग और ग्लोबल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से इंटरनेशनल स्क्वैश में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है।
- 2025 वर्ल्ड कप की जीत इस लॉन्ग-टर्म डेवलपमेंट अप्रोच की सफलता को दिखाती है और अनुभवी खिलाड़ियों को उभरते हुए युवा टैलेंट के साथ मिलाने के महत्व को उजागर करती है।
मुख्य बातें
- भारत ने पहली बार WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025 जीता।
- फाइनल चेन्नई में एक्सप्रेस एवेन्यू मॉल में हुआ था।
- भारत ने फाइनल में टॉप सीडेड हांगकांग को 3-0 से हराया।
- जोशना चिनप्पा, अभय सिंह और अनाहत सिंह ने अपने-अपने मैच जीते।
- यह भारत का दूसरा वर्ल्ड कप मेडल था, जिसने ब्रॉन्ज (2023) को गोल्ड में बदल दिया।
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