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भारत ने 84,560 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण को मंजूरी दी

भारत ने 84,560 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण को मंजूरी दी |_3.1

रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की समग्र लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए बहुद्देश्यीय समुद्री विमान सहित 84,560 करोड़ रुपये के सैन्य हार्डवेयर की खरीद को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने इन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी।

डीएसी ने जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी है उनमें नई पीढ़ी की टैंक रोधी माइंस (एंटी टैंक), वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार, भारी वजन वाले टॉरपीडो, मध्यम दूरी की समुद्री टोही व बहुद्देश्यीय समुद्री विमान, फ्लाइट रिफ्यूलर एयरक्राफ्ट तथा सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो शामिल हैं।

 

बहुद्देश्यीय समुद्री विमानों की खरीद

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि डीएसी ने भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की निगरानी और हस्तक्षेप क्षमताओं को मजबूत करने के लिए मध्यम दूरी के समुद्री टोही विमानों और बहुद्देश्यीय समुद्री विमानों की खरीद को मंजूरी दी।

 

वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के उद्देश्य

वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के उद्देश्य से वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रडार की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। यह विशेष रूप से धीमी, छोटी और कम उड़ान वाले लक्ष्यों का पता लगाने की क्षमताओं को मजबूत करेगा। बयान में कहा गया कि डीएसी ने भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं और पहुंच को बढ़ाने के लिए फ्लाइट रिफ्यूलर एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए एओएन को (Approval of Necessity) मंजूरी दे दी।

 

ईज ऑफ डूइंग की भावना से प्रेरित

एक अनुकूल रक्षा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भी डीएसी ने पहल किया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने उत्कृष्टता के लिए नवाचार (iDEX) और स्टार्ट-अप व MSMEs से उन्नत तकनीकों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP) 2020 में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत बेंचमार्किंग, लागत गणना, भुगतान अनुसूची और खरीद की मात्रा तय की जाती है। यह iDEX और TDF योजनाओं के तहत स्टार्ट-अप और MSMEs के लिए एक सहायक व्यावसायिक वातावरण के साथ-साथ बहुत आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा। यह वास्तव में ईज ऑफ डूइंग की भावना से प्रेरित होगा।

 

FAQs

भारत की सबसे बड़ी रक्षा कंपनी कौन सी है?

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) , एक नवरत्न कंपनी, भारत के रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के तहत सबसे बड़ी डीपीएसयू है।