भारत और नेपाल ने ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दो महत्वपूर्ण विद्युत समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते भारत की पॉवरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (POWERGRID) और नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) के बीच हुए, जिनका उद्देश्य दो नई 400 kV क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण और संयुक्त उपक्रम (Joint Ventures) स्थापित करना है। इस पहल से दोनों देशों के बीच बिजली व्यापार में वृद्धि, ग्रिड की स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों में गहराई आने की उम्मीद है।
संस्थाएँ: भारत की POWERGRID और नेपाल की NEA
हस्ताक्षर स्थल: नई दिल्ली
उपस्थित नेता: भारत के विद्युत मंत्री मनोहर लाल और नेपाल के ऊर्जा मंत्री कुलमान घिसिंग
उद्देश्य:
दो नई 400 kV ट्रांसमिशन लाइनें बनाना
दोनों देशों में संयुक्त उपक्रम (JV) स्थापित करना
इनरुवा (नेपाल) – न्यू पूर्णिया (भारत)
लमकी/डोडोधारा (नेपाल) – बरेली (भारत)
प्रत्येक देश में अलग-अलग संयुक्त उपक्रम (JV) स्थापित किए जाएंगे ताकि समान द्विपक्षीय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
भारत–नेपाल के बीच बिजली व्यापार में वृद्धि
ग्रिड की मजबूती और विश्वसनीयता में सुधार
नेपाल की जलविद्युत (Hydropower) को भारत तक निर्यात में सहायता
दक्षिण एशियाई ऊर्जा बाजार की नींव रखना
क्षेत्रीय लोड शेयरिंग की क्षमता में वृद्धि
दोनों देशों की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करना
आर्थिक एकीकरण (Economic Integration) को बढ़ावा देना
संयुक्त बुनियादी ढांचा सहयोग मॉडल की स्थापना
नेपाल के पास विशाल जलविद्युत क्षमता, जबकि भारत में बिजली की बढ़ती मांग है।
सीमा-पार ट्रांसमिशन लाइनें दोनों देशों के लिए मौसमी बिजली संतुलन (Seasonal Power Balancing) का साधन बनेंगी।
यह दक्षिण एशिया में स्वच्छ ऊर्जा कूटनीति (Clean Energy Diplomacy) का उत्कृष्ट उदाहरण है।
ऊर्जा अवसंरचना सहयोग भारत की पड़ोसी देशों के साथ गहरे संबंधों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत की छवि को एक विकास भागीदार (Development Partner) के रूप में मजबूत करता है।
यह भविष्य में भूटान, बांग्लादेश आदि को शामिल करते हुए दक्षिण एशियाई ग्रिड एकीकरण की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
| विषय | विवरण |
|---|---|
| समझौते की तिथि | अक्टूबर 2025 |
| संस्थाएँ | POWERGRID (भारत) और NEA (नेपाल) |
| स्थान | नई दिल्ली |
| प्रमुख परियोजनाएँ | इनरुवा–न्यू पूर्णिया और लमकी/डोडोधारा–बरेली 400 kV लाइनें |
| संयुक्त उपक्रम | दोनों देशों में अलग-अलग JV इकाइयाँ |
| मुख्य उद्देश्य | बिजली व्यापार बढ़ाना, ग्रिड की विश्वसनीयता में सुधार |
| नीति संरेखण | भारत की Neighbourhood First और स्वच्छ ऊर्जा नीति से मेल |
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