प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नामीबिया यात्रा के दौरान भारत और नामीबिया ने 9 जुलाई 2025 को व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल भुगतान जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए और कई प्रमुख घोषणाएं कीं। यह यात्रा नामीबिया के लिए वैश्विक मंच पर कई “पहली बार” के अवसर लेकर आई, जिससे भारत-नामीबिया संबंधों की मजबूती और प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी के विस्तार को दर्शाया गया।
प्रमुख समझौते: भारत और नामीबिया ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान दो महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए:
उद्यमिता विकास केंद्र की स्थापना: भारत और नामीबिया के बीच हुए समझौते के तहत नामीबिया में एक उद्यमिता विकास केंद्र (Entrepreneurship Development Center) स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र का उद्देश्य युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देना, उन्हें उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करना और स्थानीय स्टार्टअप्स को आवश्यक मार्गदर्शन तथा समर्थन प्रदान करना है।
स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग: दूसरा समझौता स्वास्थ्य सेवाओं, प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया। इसका मकसद दोनों देशों के बीच चिकित्सा सेवाओं तक बेहतर पहुंच और सहयोग को मजबूत करना है।
ये समझौते नामीबिया की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य तंत्र को सशक्त बनाने में मदद करेंगे और भारत-नामीबिया संबंधों को नई ऊंचाई देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान नामीबिया ने दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों से जुड़ने के लिए औपचारिक पत्र प्रस्तुत किए:
आपदा सहनशील अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure – CDRI) – यह भारत के नेतृत्व में चलाया जा रहा एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ मजबूत और सुरक्षित अवसंरचना को बढ़ावा देना है।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance – GBA) – यह पहल स्वच्छ और हरित ईंधन विकल्पों को बढ़ावा देती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इन घोषणाओं से यह स्पष्ट होता है कि नामीबिया सतत विकास और जलवायु सहनशीलता के क्षेत्र में भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक घोषणा हुई — नामीबिया दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने भारत की यूपीआई (Unified Payments Interface) तकनीक को अपनाने के लिए लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए। यूपीआई भारत में विकसित एक लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो मोबाइल ऐप्स के माध्यम से तेजी और सुरक्षित तरीके से पैसे के लेन-देन की सुविधा देती है।
यह कदम नामीबिया में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देगा, वित्तीय समावेशन को मजबूत करेगा और यह दर्शाता है कि भारत की डिजिटल पहलें अब वैश्विक स्तर पर सफल हो रही हैं। इससे अन्य देशों के लिए भी भारतीय डिजिटल समाधानों को अपनाने का रास्ता खुलता है।
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