केंद्र सरकार ने अब डाकघर की बचत योजनाओं में 10 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करने पर इनकम प्रूफ देना अनिवार्य कर दिया है। आतंकवादी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों के लिए दुरुपयोग को रोकने के लिए डाकघर योजनाओं में सभी निवेशों को सख्त केवाईसी (Know Your Customer) और पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) नियमों के तहत लाया गया है। डाक विभाग ने डाकघर के अधिकारियों को कुछ श्रेणियों की छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों से आय प्रमाण जमा करने का निर्देश दिया है।
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भारतीय डाक ने 25 मई 2023 को जारी एक सर्कुलर के माध्यम से इसकी घोषणा की। डाक विभाग ने बताया कि ये सर्कुलर KYC, AML (Anti Money Laundering) और CFT (आतंकवाद के वित्तपोषण) का मुकाबला करने के लिए मानदंडों में संशोधन के कारण जारी किया गया है। डाक विभाग द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, ग्राहकों को जोखिम के आधार पर वर्गीकृत किया जा रहा है। ज्यादा जोखिम वाले ग्राहकों को केवाईसी के अलावा आय का प्रमाण यानी इनकम प्रूफ के डॉक्यूमेंट्स भी जमा करने होंगे।
जिन ग्राहकों के सभी खातों में जमा कुल राशि 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं हैं, वे ग्राहक कम जोखिम वाले कैटेगरी में रखे जाएंगे। जिन ग्राहकों के सभी खातों में जमा कुल राशि 50 हजार रुपये से ज्यादा और 10 लाख रुपये से कम हैं, उन्हें मध्यम जोखिम वाली कैटेगरी में रखा जाएगा और जिन ग्राहकों के सभी खातों में 10 लाख रुपये से ज्यादा की राशि हैं, उन्हें उच्च जोखिम वाली कैटेगरी में रखा जाएगा।
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