IMF ने डिजिटल भुगतान परिवर्तन के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में भारत के UPI मॉडल की सराहना की

भारत की फिनटेक क्रांति को एक बड़ी वैश्विक मान्यता मिली है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली में “परिवर्तनकारी शक्ति” करार देते हुए उसकी सराहना की है। 25 जून 2025 को IMF द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र में यह कहा गया कि भारत में सस्ती मोबाइल डेटा सुविधा, व्यापक बैंकिंग पहुंच, मजबूत डिजिटल पहचान प्रणाली और इंटरऑपरेबिलिटी (आपसी संगतता) जैसे कारकों ने UPI को ऐसा मॉडल बना दिया है जिसे कई देश अपनाना चाहेंगे।

क्यों है यह खबर में?

  • IMF ने एक पेपर जारी किया है:
    शीर्षक: बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: अंतर-संचालन का मूल्य
    लेखक: अलेक्जेंडर कोपेस्टेक, दिव्या कीर्ति, मारिया सोलेदाद मार्टिनेज पेरीया

  • इस पेपर में UPI को “वैश्विक मॉडल” बताया गया है और विकासशील देशों को इसे अपनाने की सलाह दी गई है।

IMF रिपोर्ट की प्रमुख बातें

UPI की सफलता के सूत्र

  • इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability): कई ऐप और बैंक एक ही प्लेटफॉर्म पर काम कर सकते हैं।

  • उपयोगकर्ता की स्वतंत्रता: कोई भी ऐप चुनने की सुविधा।

  • प्लेटफॉर्म-निरपेक्ष डिज़ाइन: प्रतियोगिता और नवाचार को बढ़ावा।

  • सरल उपयोग और भरोसा: इसके कारण आम जनता ने इसे तेजी से अपनाया।

UPI की पृष्ठभूमि और विकास

  • शुरुआत: 2016 में NPCI द्वारा लॉन्च किया गया।

  • बढ़ावा: 2016 की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन की ओर रुझान बढ़ा।

  • 2025 तक: हर महीने 13 अरब से अधिक ट्रांजैक्शन

UPI की सफलता के सहायक कारक

  • दुनिया में सबसे सस्ता मोबाइल डेटा

  • जन धन योजना के माध्यम से बैंकिंग पहुंच का विस्तार।

  • आधार आधारित डिजिटल पहचान से आसान प्रमाणीकरण।

  • RBI और भारत सरकार की नीति समर्थन।

  • बैंक, फिनटेक और NPCI का सहयोगी इकोसिस्टम।

वैश्विक महत्व और सुझाव

IMF ने अन्य देशों को सलाह दी कि यदि वे डिजिटल भुगतान में भारत जैसी सफलता चाहते हैं तो उन्हें चाहिए कि वे:

  • मजबूत डिजिटल पहचान प्रणाली विकसित करें।

  • सस्ती और व्यापक इंटरनेट उपलब्ध कराएं।

  • बैंकिंग सेवाओं को सबके लिए सुलभ बनाएं।

  • इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम तैयार करें या उसे नियमन करें।

रिपोर्ट ने यह भी कहा कि भारत का मॉडल सीधे किसी देश में लागू नहीं किया जा सकता, बल्कि उसे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार ढालना होगा।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

डाकघरों से भी कर सकेंगे म्यूचुअल फंड में निवेश, जानें कैसे

वित्तीय समावेशन को गहराई देने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत डाक विभाग…

9 mins ago

अजय कुमार शुक्ला बने PNB Housing Finance में नए MD और CEO

PNB हाउसिंग फाइनेंस ने अजय कुमार शुक्ला को अपना नया प्रबंध निदेशक (Managing Director) एवं…

37 mins ago

ADB ने भारत की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2 किया

एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (ADO) दिसंबर 2025: ग्रोथ…

48 mins ago

केंद्र सरकार ने भारत की जनगणना 2027 कराने की योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की जनगणना 2027 कराने के…

1 hour ago

केंद्र सरकार ने ‘कोलसेतु’ विंडो को मंजूरी दी, कोयले का औद्योगिक उपयोग और निर्यात होगा आसान

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने भारत की कोयला आवंटन प्रणाली में…

1 hour ago

केंद्र सरकार MGNREGA का नाम बदलेगी, रोज़गार गारंटी 100 से बढ़ाकर 125 दिन

केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार से जुड़ी देश की सबसे बड़ी योजना मनरेगा को नया…

2 hours ago