IICA और CMAI ने डीकार्बोनाइजेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारतीय कॉरपोरेट मामलों के संस्थान (IICA) और कार्बन मार्केट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) ने नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 4 फरवरी 2025 को IICA-CMAI मास्टरक्लास ऑन ग्लोबल एंड इंडियन कार्बन मार्केट्स के उद्घाटन सत्र के दौरान घोषित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने बायोफ्यूल, ग्रीन हाइड्रोजन और सतत ऊर्जा समाधानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, जो भारत के आर्थिक और पर्यावरणीय भविष्य को आकार देने में मदद करेंगे।

साझेदारी का उद्देश्य

यह सहयोग भारत के कार्बन बाजार को सुदृढ़ करने और उद्योग पेशेवरों, नीति-निर्माताओं और शिक्षाविदों को विशेषज्ञता प्रदान करने पर केंद्रित होगा। IICA और CMAI संयुक्त रूप से प्रशिक्षण, अनुसंधान, नीति वकालत और ज्ञान साझा करने पर कार्य करेंगे, जिससे भारत को निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था (Low-carbon Economy) की ओर ले जाने में मदद मिलेगी।

समझौते के मुख्य बिंदु

1. रणनीतिक महत्व

  • भारत के कार्बन बाजार पारिस्थितिकी तंत्र (Carbon Market Ecosystem) को मजबूत करना।
  • जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण रणनीतियों और नेट-ज़ीरो लक्ष्यों को समर्थन देना।
  • कार्बन ऑफसेट तंत्र में विशेषज्ञता रखने वाले कॉरपोरेट पेशेवरों की एक कुशल टीम विकसित करना।

2. प्रमुख घोषणाएँ और अंतर्दृष्टि

श्री नितिन गडकरी ने जोर दिया:

  • बायोफ्यूल और ग्रीन हाइड्रोजन की क्षमता, जो भारत को सतत विकास की ओर ले जाएगी।
  • हाइड्रोजन उत्पादन लागत को $1 प्रति किलोग्राम तक लाने का लक्ष्य, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर अग्रणी हाइड्रोजन निर्यातक बन सके।
  • सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) एलायंस की शुरुआत, जो हरित विमानन को बढ़ावा देगा।

अन्य विशेषज्ञों के विचार:

  • डॉ. गरिमा दाधीच (IICA)डीकार्बोनाइजेशन सर्टिफिकेट प्रोग्राम लॉन्च किया, जो कॉरपोरेट पेशेवरों को प्रशिक्षित करेगा।
  • श्री मनीष डबकरा (CMAI अध्यक्ष) – प्रशिक्षण, अनुसंधान और जागरूकता के महत्व पर जोर दिया, जिससे डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाई जा सके।
  • श्री रोहित कुमार (CMAI महासचिव) – नीति वकालत और शिक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता बताई, ताकि भारत का कार्बन बाजार विकसित हो सके।

3. सहयोग के प्रमुख क्षेत्र

IICA और CMAI निम्नलिखित क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे:

  • प्रशिक्षण कार्यक्रम – कार्बन बाजार, सतत वित्त (Sustainable Finance) और निम्न-कार्बन औद्योगिक समाधानों पर पाठ्यक्रम।
  • संयुक्त अनुसंधान – डीकार्बोनाइजेशन रणनीतियों और कार्बन ट्रेडिंग तंत्र पर अध्ययन।
  • कार्यशालाएँ और सम्मेलन – उद्योग हितधारकों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के बीच संवाद को बढ़ावा देना।
  • नीति वकालत – भारत के नेट-ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नियामक ढांचे और नीतियों को समर्थन देना।

IICA-CMAI मास्टरक्लास ऑन ग्लोबल एंड इंडियन कार्बन मार्केट

पहले दिन की मुख्य बातें

  • 70 से अधिक पेशेवरों (कॉरपोरेट, पीएसयू, सरकारी निकाय, दूतावासों) ने भाग लिया।
  • केस-स्टडी चर्चाशिवांगी वशिष्ठा (IICA) के नेतृत्व में आयोजित हुई, जिससे भागीदारी बढ़ी।
  • विशेष सत्रERM इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर द्वारा संचालित।

दूसरे दिन का फोकस

  • अंतरराष्ट्रीय कार्बन बाजारों पर सत्र, और वे भारत की जलवायु कार्य योजना में कैसे योगदान कर सकते हैं।

संगठनों के बारे में

भारतीय कॉरपोरेट मामलों का संस्थान (IICA)

  • कॉरपोरेट मामलों मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान।
  • ESG (पर्यावरण-सामाजिक-शासन), CSR, सतत वित्त, जैव विविधता संरक्षण, ESG ऑडिट आदि में विशेषज्ञता रखता है।

कार्बन मार्केट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI)

  • डीकार्बोनाइजेशन और नेट-ज़ीरो ट्रांज़िशन पर केंद्रित एक उद्योग समूह।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), ऊर्जा मंत्रालय (MoP), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और नीति आयोग के साथ मिलकर नीति वकालत पर कार्य करता है।
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vikash

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