ICRISAT ने छोटे किसानों के लिए एआई-सक्षम जलवायु सलाह सेवा शुरू की

जलवायु-प्रतिरोधी कृषि को मज़बूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर एक नई AI-संचालित जलवायु परामर्श सेवा शुरू की है। हैदराबाद में एक कार्यशाला में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य छोटे किसानों को व्यक्तिगत, वास्तविक समय की जलवायु संबंधी जानकारी प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है, जिससे उन्हें जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिल सके।

किसानों के लिए एआई-सक्षम सलाह सेवा

  • इस परियोजना का नाम है “जलवायु-लचीली कृषि के लिए बड़े पैमाने पर संदर्भ-विशिष्ट एग्रोमेट सलाह सेवाओं हेतु एआई-सक्षम प्रणाली”, जिसे भारत सरकार के मानसून मिशन-III के तहत समर्थन मिला है।
  • यह परियोजना कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तकनीकों का उपयोग कर किसानों को अत्यंत स्थानीय और उपयोगी मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करेगी।
  • सलाह सेवाएं आसान डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि एआई-सक्षम व्हाट्सएप बॉट, के ज़रिए दी जाएंगी, जिससे दूर-दराज़ ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी इन तक आसानी से पहुंच सकें।

महाराष्ट्र में पायलट परियोजना

  • इस योजना की शुरुआत महाराष्ट्र में होगी, जहां आईसीएआर के एग्रो-मौसमीय फील्ड यूनिट्स (AMFUs) इन सलाहों को छोटे किसानों तक पहुंचाएंगे।
  • पायलट चरण में सलाहों की प्रभावशीलता और किसानों की प्रतिक्रिया को मापा जाएगा, जिससे इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की दिशा में मार्गदर्शन मिलेगा।
  • यह मॉडल भविष्य में अन्य विकासशील देशों के किसानों के लिए साउथ-साउथ सहयोग मॉडल के रूप में भी विस्तारित किया जा सकता है।

जलवायु-लचीली कृषि की दिशा में कदम

बदलते मानसून और जलवायु संकटों को देखते हुए यह पहल कई तरह से किसानों की मदद करेगी:

  • समय पर मौसम चेतावनियों से फसल नुकसान को कम करना

  • बुवाई, सिंचाई और कटाई की बेहतर योजना बनाना

  • डेटा-आधारित निर्णयों के ज़रिए सतत कृषि को बढ़ावा देना

यह पहल भारत में कृषि की जलवायु अनुकूलता को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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vikash

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