भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने अपने 75वें वर्षगांठ का भव्य आयोजन किया, जिसे ढाका में भारत के हाई कमीशन के अंतर्गत भारतीय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित किया गया। इस समारोह में 1950 में स्थापना के बाद से ICCR की विरासत, सांस्कृतिक कूटनीति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका, और भारत-बांग्लादेश सांस्कृतिक संबंधों में इसके गहरे योगदान को उजागर किया गया। कार्यक्रम में पारंपरिक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं और इसमें दोनों देशों के बीच कलात्मक एवं शैक्षिक पहलों के जीवंत आदान-प्रदान को भी प्रदर्शित किया गया।
ICCR का 75वां वर्षगांठ
उपलक्ष्य और स्थल:
उपलक्ष्य: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) का 75वाँ वर्षगांठ।
स्थान: भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, हाई कमीशन ऑफ इंडिया, गुलशन, ढाका।
तिथि: 9 अप्रैल, 2025 (बुधवार)।
ICCR की स्थापना और उद्देश्य:
स्थापना वर्ष: 1950 में, विदेश मंत्रालय के अधीन भारत सरकार के एक स्वायत्त संगठन के रूप में।
उद्देश्य:
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करना।
अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूत करना।
लोगों के बीच और शैक्षिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना।
बांग्लादेश में ICCR की उपस्थिति:
इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (IGCC): 2011 में धनमंडी, ढाका में स्थापित।
भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (ICC): 2021 में गुलशन, ढाका में लॉन्च किया गया।
आयोजित गतिविधियाँ:
शास्त्रीय संगीत व नृत्य कार्यक्रम (जैसे, कथक, भरतनाट्यम, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत)।
साहित्यिक कार्यक्रम, फिल्म प्रदर्शन, कला प्रदर्शनी, कार्यशालाएँ।
भारतीय एवं बांग्लादेशी कलाकारों द्वारा सहयोगात्मक प्रस्तुतियाँ।
75वीं वर्षगांठ के विशेष आकर्षण:
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
सिलेहट के मणिपुरी कलाकारों द्वारा ‘लाइ हराओबा’ प्रदर्शन, जिन्हें भारतीय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
IGCC के छात्रों ने कथक, भरतनाट्यम और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का प्रदर्शन किया।
मुख्य वक्ता:
श्री पवन बाढ़े, ढाका में भारत के डिप्टी हाई कमीशनर, ने साझा सांस्कृतिक विरासत और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में ICCR की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
बिंदु | विवरण |
समाचार में क्यों? | ढाका में ICCR ने सांस्कृतिक कूटनीति के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया |
कार्यक्रम | ICCR की 75वीं वर्षगांठ समारोह |
आयोजक | भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, भारतीय उच्चायोग, ढाका |
ICCR की स्थापना | वर्ष 1950 में |
बांग्लादेश में प्रमुख केंद्र | IGCC (2011, धनमंडी), ICC (2021, गुलशन) |
प्रमुख प्रस्तुतियाँ | ‘लाइ हराओबा’, कथक, भरतनाट्यम, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत |
प्रशिक्षण सहयोग | भारतीय विशेषज्ञों ने सिलेहट के मणिपुरी कलाकारों को प्रशिक्षण दिया |
मुख्य अतिथि वक्ता | श्री पवन बाढ़े, उप उच्चायुक्त, भारत सरकार |
शैक्षिक प्रभाव | बांग्लादेशी छात्रों को प्रतिवर्ष 500+ छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं |
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