भारतीय वायुसेना करेगी वायु शक्ति-2024 अभ्यास आयोजन

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) 17 फरवरी 2024 को जैसलमेर के पास पोखरण एयर टू ग्राउंड रेंज में अपनी हवाई ताकत का एक भव्य प्रदर्शन, वायु शक्ति -24 अभ्यास आयोजित करेगी।

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) 17 फरवरी 2024 को जैसलमेर के पास पोखरण एयर टू ग्राउंड रेंज में अपनी हवाई ताकत का एक भव्य प्रदर्शन, वायु शक्ति -24 अभ्यास आयोजित करेगी। 16 फरवरी 2019 को पिछले संस्करण के सफल निष्पादन के बाद, इस वर्ष का अभ्यास दिन और रात दोनों के दौरान भारतीय वायुसेना की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं का और भी अधिक प्रभावशाली प्रदर्शन होने का वादा करता है।

वायु शक्ति का एक प्रमाण

वायु शक्ति अभ्यास एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो भारतीय वायु सेना की रणनीतिक क्षमताओं के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। यह भारतीय वायुसेना के लिए अपनी लड़ाकू तत्परता और परिचालन प्रभावशीलता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है, जिसमें कार्रवाई में विमान और हथियार प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई है। यह अभ्यास भारतीय सेना के साथ निर्बाध एकीकरण और संयुक्त संचालन क्षमताओं पर भी प्रकाश डालता है, जो राष्ट्रीय रक्षा के लिए सहक्रियात्मक दृष्टिकोण पर जोर देता है।

विमानों की एक प्रभावशाली श्रृंखला

वायु शक्ति अभ्यास के 2024 संस्करण में 121 विमानों की भागीदारी होगी, जो भारतीय वायुसेना के विविध और उन्नत बेड़े को प्रतिबिंबित करेगा। विशेष रूप से, इस अभ्यास में तेजस, प्रचंड (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर) और ध्रुव हेलीकॉप्टर जैसे स्वदेशी चमत्कार शामिल होंगे, जो रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करेंगे। इसके अतिरिक्त, राफेल, मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर, हॉक, सी-130जे, चिनूक, अपाचे और एमआई-17 जैसे दुर्जेय विमान भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण और रणनीतिक गहराई को रेखांकित करते हुए अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।

स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन

वायु शक्ति-24 अभ्यास का मुख्य आकर्षण स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों, अर्थात् आकाश और समर का प्रदर्शन होगा। ये प्रणालियाँ घुसपैठ करने वाले विमानों को ट्रैक करने और उन्हें निष्क्रिय करने में अपनी दक्षता प्रदर्शित करेंगी, जो वायु रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करेंगी। अभ्यास का यह पहलू घरेलू प्रौद्योगिकियों को अपने परिचालन ढांचे में एकीकृत करने की भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

परिशुद्धता और समन्वय का प्रदर्शन

यह अभ्यास लंबी दूरी की सटीकता के साथ हथियार पहुंचाने के साथ-साथ पारंपरिक हथियारों को सटीक रूप से तैनात करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है। कई हवाई अड्डों से संचालन बल की अनुकूलन क्षमता और सैन्य कौशल को दर्शाएगा। विशिष्ट गरुड़ कमांडो फोर्स और भारतीय सेना के तत्वों सहित भारतीय वायुसेना के परिवहन और हेलीकॉप्टर बेड़े से जुड़े विशेष अभियान भी प्रदर्शन पर होंगे, जो जटिल, बहुआयामी संचालन करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को उजागर करेंगे।

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